10 Lines Short Moral Stories – बच्चों और बड़ों के लिए प्रेरक कहानियाँ

You are currently viewing 10 Lines Short Moral Stories – बच्चों और बड़ों के लिए प्रेरक कहानियाँ
Images sources: bing.com

कहानियाँ शिक्षा और मनोरंजन का एक उत्तम साधन हैं। जिसके माध्यम से हम बच्चों और बड़ों को रोमांचित करते हैं। जब बात छोटी कहानी की हो तो, हम अक्सर ऐसी कहानी खोजते हैं जो कम शब्दों में बड़ी सीख दे जाए।

यही वह कारण हैं कि कहानीज़ोन अपनी हर कहानी को बहुत ही सोच-विचार कर सुनाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा हम उस कहानी से मिलने वाली सीख जरूर प्रदान करते हैं। आज की 10 lines short moral stories कुछ इस प्रकार से लिखित हैं।

1. शिल्पकार और पत्थर की कहानी – The Story of the Craftsman and the Stone:

Indian-sculptor-working-with-a-hammer-and-chisel
Image sources: bing.com

बीते कुछ वर्षों पहले की बात हैं, एक शिल्पकार दूर पहाड़ी से दो पत्थर ले आया। जिससे वह मूर्ति बनाना चाहता था। एक दिन वह शिल्पकार अपनी छेनी और हथौड़ी से पत्थर को मूर्ति का रूप देने जा रहा था। उसने पहले वाले पत्थर पर जैसे ही छेनी और हथौड़ी मारी वह पत्थर जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उसने कहा, “मुझे मत तोड़ो मुझे बहुत दर्द हो रहा हैं।”

पत्थर की बातें सुनकर शिल्पकार ने उस पत्थर को छोड़ दूसरे पत्थर पर छेनी और हथौड़ी से मूर्ति का रूप देने लगा। धीरे-धीरे छेनी और हथौड़ी की मार सहते-सहते। एक दिन वह पत्थर मूर्ति का रूप धारण कर लिया। एक बार शिल्पकार के पास कुछ लोग मूर्ति लेने आए। वे लोग उस मूर्ति को अपने साथ ले गए। जाते-जाते किसी व्यक्ति की नजर वही पड़े दूसरे पत्थर पर पड़ी उसने उस पत्थर को भी अपने साथ ले गए।

मूर्ति को मंदिर में विराजमान कर दिया गया। जबकि, दूसरे पत्थर को मंदिर के बाहर रख दिया। लोग मंदिर में लगे मूर्ति के ऊपर जल और दूध चढ़ाते और उसकी पूजा करते। जबकि बाहर पड़े पत्थर पर नारियल तोड़ते। जिससे दूसरा पत्थर सारी उम्र कष्ट झेलता रहा।

कहानी से सीख: 

अगर हम अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में थोड़ा कष्ट उठा लेंगे, तो हमे पूरी जिंदगी में कष्ट नहीं उठाना पड़ेगा और हमारा जीवन सुखमय हो जाएगा।

2. गधा और धोबी की कहानी – The Donkey and the Washerman Story:

washerman-and-his-wife-with-their-donkey-on-a-village-road
Image sources: bing.com

एक धोबी और उसकी पत्नी गधे पर कपड़े का गट्ठर लाद कर जा रहे थे। रास्ते में उनकी मुलाकात एक पंडित से हुई। पंडित ने धोबी से कहा, “तुम लोग कितने क्रूर और निर्दयी व्यक्ति हो। तुम्हें इस जानवर के ऊपर कपड़े का गट्ठर नहीं लादना चाहिए।” तुमको पाप लगेगा जिसके कारण तुम लोग नरक में जाओगे।

धोबी ने पंडित जी की बात मान ली और कपड़े के गट्ठर को अपने सिर पर रख लिया और गधे को साथ में लेकर चलने लगा। कुछ दूर आगे जाने पर धोबी की मुलाकात एक कुम्हार से होती हैं। कुम्हार कहता हैं “तुम दोनों से बड़ा मूर्ख इंसान इस दुनिया में कोई नहीं होगा। गधा साथ में होते हुए दोनों पैदल जा रहे हो। तुम्हें गधे पर बैठ कर जाना चाहिए।” धोबी और उसकी पत्नी गधे पर बैठ कर चलने लगे।

थोड़ी दूर और आगे जाने के बाद धोबी की मुलाकात एक वैद्य से होती हैं। वह धोबी से कहता हैं कि तुम्हारे अंदर दया नाम की कोई चीज नहीं हैं, जो इस मासूम गधे के ऊपर बैठ कर जा रहे हो। धोबी और उसकी पत्नी गधे के ऊपर से उतर जाते हैं और गधे को अपने ऊपर उठा कर चलने लगते हैं।

आगे कुछ दूर चलने पर धोबी की मुलाकात एक भिखारी से होती हैं। जो उन दोनों को देखकर जोर-जोर से हंसने लगा। धोबी और उसकी पत्नी असमंजस में पड़ गए, अब क्या करें।

कहानी से सीख: 

हमें दूसरों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें अपनी सोच और समझ के साथ काम करना चाहिए। अच्छा करो या बुरा लोग तो कहते रहेंगे।

3. शरारती मेंढक और चींटी की कहानी – The Story of the Mischievous Frog and the Ant:

mischievous-frog-and-the-ant
Image sources: bing.com

चींटी और तितली के बीच बहुत गहरी दोस्ती थी। दोनों साथ-साथ खेलते और एक दूसरे के सुख-दुख में सहायता करते थे। एक बार तितली अपने दोस्त चींटी को टापू पर घुमाने ले गई। टापू बीच नदी में था। वहाँ पहुंचकर दोनों बहुत खुश थे। क्योंकि वहाँ पर उन्हें रंग-विरंगे फुल और पेड़ पौधे देखने को मिल रहा था।

इसे भी देखें: संघर्ष से सफलता की कहानी – Story of Success Through Struggle

उसी टापू पर एक लालची और शैतान मेंढ़क रहता था। एक दिन वह तितली को पकड़ कर खा गया। चींटी टापू के बाहर कैसे जाए। यह सोचकर रो रही थी। तभी उसके पास वह शैतान मेंढ़क आया उसने पूछा, “क्या तुम टापू से बाहर जाने के लिए रो रही हो? चलो मै तुम्हें उस पार छोड़ आता हूँ।” मेंढ़क ने अपनी पीठ पर चींटी को बैठाया और नदी में तैरते हुए चल दिया।

बीच नदी में पहुंचने पर मेंढ़क को शरारत सूझी उसने कहा, “मुझसे अब और नहीं चला जा रहा तुम बहुत भारी हो, तुम अब यही उतार जाओ।” शरारती मेढक ने चींटी को पानी में गिरा कर नदी में मस्ती करने लगा। चींटी नदी में बहते-बहते किसी तरह से पत्ते के सहारे किनारे लगी।

कहानी से सीख: 

हमें कभी किसी के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। बल्कि उसके साथ किए वादे को हर हाल में पूरा करना चाहिए।

4. गरीब बच्चा और आइसक्रीम की कहानी – The Story of the Poor Child and the Ice cream:

the-story-of-the-poor-child-and-the-Ice-cream
Image sources: bing.com

एक छोटा सा लड़का किसी होटल में गया और वहाँ के वेटर से आइसक्रीम के दाम पूछें। वेटर ने उसे दो प्रकार की आइसक्रीम के दाम बताया। लेकिन, लड़का सिर्फ सस्ती वाली आइसक्रीम माँगा, वेटर सोचता है कि लड़का कंजूस है और उसके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं।

लेकिन जब लड़का आइसक्रीम खाकर चला जाता है, तो वेटर देखता है कि लड़का उसके लिए 15 रुपए का टिप भी छोड़ गया था। वेटर को समझ आता है कि लड़के ने टिप देने के लिए अपनी मनपसंद की आइसक्रीम नहीं खाई। वेटर को अपनी गलत सोच का एहसास होता है। वह लड़के के बारे में गलत धारणा के लिए शर्मिंदगी महसूस करता हैं।

कहानी से सीख: 

यह कहानी आपको बताती है कि किसी भी इंसान के बारे में धारणा बनाने से पहले उसकी सच्चाई जाननी चाहिए।

5. लाचार पत्थर और पानी की कहानी – Story of Helpless Stone and Water:

story-of-helpless-stone-and-water
Image sources: bing.com

एक नदी में एक गुस्सैल पत्थर रहता था। पत्थर पानी के लहरों से लगातार टकराता रहता था। जिसके कारण पत्थर को बहुत गुस्सा आता और वह दुखी होता। लेकिन पत्थर लाचार था, वह करें भी तो क्या करें। धीरे-धीरे, समय बीतता गया वह पानी से लगातार टकराता रहा। कुछ समय बाद वह पानी से टकराने के कारण चिकना और सुंदर बन गया था।

एक दिन उसी नदी के किनारे एक पंडित जी घूम रहे थे। उन्हें वह पत्थर दिखा वे उस पत्थर को अपने साथ ले गए। उसे किसी मंदिर में रख दिया। जिसके कारण लोग उस पत्थर की पूजा करने लगे। उसके ऊपर फूल-माला डालते थे। पत्थर को ऐहसास हुआ कि अगर मैं पानी से टकराकर चिकन नहीं हुआ होता तो आज मैं सड़क पर पड़ा रहता।

कहानी से सीख: 

हमें मुश्किलों को चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए। मुश्किलें हमें मजबूत बनाती हैं।

6. कछुआ और खरगोश की कहानी – Story of Tortoise and Rabbit:

tortoise-and-rabbit-story
Image sources: bing.com

प्रेमवन में एक खरगोश रहता था, जिसे अपनी तेज दौड़ पर बहुत नाज़ था। उस खरगोश को जो भी जानवर मिलता, वह उसे अपने साथ रेस लगाने के लिए कहता। एक दिन वह वन के पास नदी में पानी पीने गया हुआ था। उसी नदी में उसे एक कछुआ दिखाई दिया। खरगोश ने कछुए को अपने साथ रेस लगाने के लिए ललकारा। कछुआ उसके साथ रेस लगाने के लिए तैयार हो गया।

और देखें: संगत का प्रभाव – Motivational kahani in hindi

जंगल के सभी जानवर एकत्र हुए, कछुआ और खगोश में रेस शुरू हुई। खरगोश तेजी से भाग निकला तथा कछुआ धीरे-धीरे चलता रहा। कुछ दूर चलने के बाद खरगोश ने पीछे मुड़कर देखा तो कछुआ अपनी धीमी चाल से आ रहा था। खरगोश और तेज भागने लगा लगभग आधे रास्ते और चलकर खरगोश ने पीछे मुकड़कर देखा तो दूर-दूर तक कछुआ दिखाई नहीं दिया।

खरगोश ने सोचा,”अभी तो कछुआ बहुत पीछे हैं, चलो इस पेड़ के नीचे थोड़ा आराम कर लेता हूँ”। खरगोश की आँख लग गई और वह उस पेड़ के नीचे सो गया। कछुआ अपनी चाल से धीरे-धीरे चलता रहा। देखते ही देखते कछुए ने खरगोश को पीछे छोड़ दिया और अपने लक्ष्य पर पहुँच गया।

कुछ समय बाद खरगोश की आँख खुली और वह तेजी से अपने लक्ष्य की तरफ भागने लगा वहाँ पहुच कर देखा तो कछुआ पहले से पहुंचा हुआ था। इस प्रकार से कछुए को जंगल के जानवरों ने विजयी घोषित कर दिया। खरगोश को अपने अभिमान पर बहुत पछतावा हुआ।

कहानी से सीख: 

हमें अपने बुद्धिमत्त्वा तथा कामयाबी पर कभी अभिमान नहीं करना चाहिए।

7. चिड़िया और आग की कहानी – Story of Bird and Fire:

bird-and-fire-story-in-hindi
Image sources: bing.com

एक बार की बात हैं एक छोटा सा गाँव रामपुर जहाँ पर सभी लोग बहुत हँसी खुशी रहते थे। एक बार उस गाँव में आग लग गई। गाँव के सभी लोग नदी से पानी भर कर आग को बुझाने की कोशिश करने लगे। आग बहुत भयानक थी जिसके कारण आग को बुझाने में काफी समय लग रहा था।

आसमान में उड़ रही एक चिड़िया ने आग को देखा तो उसका ह्रदय पिघल गया और वह भी अपनी चोंच में नदी से पानी भरकर डालने लगी। उसको ऐसा करते हुए देख नदी के किनारे बैठा एक कौए ने उस चिड़िया से कहा, “क्यों परेशान हो रही हो बहन, तुम्हारे एक-एक बूंद से आग नहीं बुझने वाली और जोर-जोर से उसके ऊपर हंसने लगा।”

चिड़िया बड़े मधुर आवाज में कौए से बोली,”भईया आपने वो कहावत तो जरूर सुनी होगी बूंद-बूंद से घड़ा भरता हैं। हमारी छोटी-छोटी कोशिशे हमें बड़ा बनाती हैं। जबकि, हर शुरुआत शून्य से होती हैं”। फिलहाल, जब भी आग बुझाने वालों का नाम लिया जाएगा तो मेरा नाम भी उसमें शामिल होगा। उसकी बातें सुन कौवा शर्मिंदा हो उठा। चिड़िया के ऊपर किए गए टिप्पणी को लेकर उसे बहुत पछतावा होने लगा और कौआ बोला बहन मुझे माफ कर दो।

कहानी से सीख: 

हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। हमें अपनी क्षमता पर विश्वास रखना चाहिए और ध्यान रहे, हम अपनी छोटी-छोटी कोशिशों से ही जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

8. बूढ़े व्यक्ति और छोटी बच्ची की कहानी – Story of the Old Man and the Little Girl:

story-of-the-old-man-and-the-little-girl
Image sources: bing.com

एक छोटी सी लड़की अपने पिता के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी। ट्रेन में एक बूढ़ा व्यक्ति भी बैठा था, जो लड़की को बार-बार देखता और फिर दूसरी तरह मुंह करके रोने लगता। लड़की के पिता को उसकी नज़र ठीक नहीं लग रही थी। उसने बूढ़े व्यक्ति पर घूरने तथा बच्चा चोरी का इल्ज़ाम लगाया।

इन्हें भी पढ़ें: बुद्धिमान गाय की कहानी – The story of wise cow

बूढ़ा आदमी उसे समझाने की कोशिश करता है कि उस लड़की को देखकर उसे अपनी पोती की याद आ जाती हैं। जोकि, ठीक उसी लड़की की तरह दिखती थी जो कुछ साल पहले मर गई थी, जिसे वह बहुत प्यार करता था। यह कहते हुए बूढ़ा आदमी रोने लगा।

बूढ़े आदमी की बातें सुनकर लड़की के पिता को बहुत दुख हुआ और वह उस बुजुर्ग से माफी मांगता है। बूढ़ा आदमी उसे माफ कर देता है। लड़की को उसकी बात सुनकर बहुत अच्छा लगता है और वह उसे अपना दादा बना लेती है।

कहानी से सीख: 

हमें बिना सोचे समझे बहस नहीं करनी चाहिए।

9. खरगोश और बंदर की कहानी – Story of Rabbit and Monkey:

story-of-rabbit-and-monkey
Image sources: bing.com

एक जंगल में छोटा सा खरगोश अपने परिवार के साथ रहता था। वह हमेशा बहुत खुश और उल्लासित रहता था। जबकि उसके कारण जंगल के अन्य जानवर भी खुश रहते थे। क्योंकि, खरगोश बहुत चंचल और हंसमुख स्वभाव का था। एक दिन वह खरगोश जंगल से खेलकर अपने घर जा रहा था तो उसकी मुलाकात एक शरारती बंदर से होती हैं।

बंदर उस खरगोश को डरपोक, निकम्मा, कायर और बहुत कुछ भला-बुरा कहता हैं। जिसके कारण खरगोश सदमें में चला जाता हैं। अब खरगोश पहले की तुलना में बहुत शांत रहने लगा था। हमेशा वह बंदर की बातों के बारें में ही सोचता रहता था। इसके आलवा अब वह जंगल में किसी के साथ खेलता भी नहीं था।

वह सबसे अलग अकेले किसी शांत जगह में बैठना पसंद करता था। एक बार जब वह खरगोश नदी से पानी पी रहा था तो उसकी मुलाकात एक हाथी से हुई। उसने खरगोश की परेशानी का कारण पूछा। खरगोश ने अपनी सारी बात हाथी से बता दी। हाथी ने खरगोश के बच्चे को समझाते हुए कहा,”हमें अपने आपको मजबूत बना कर रखना चाहिए।

किसी की फालतू बातों का असर अपने ऊपर नहीं पड़ने देना चाहिए। इसके अलावा हाथी ने खरगोश को बहुत सारी बातें बताई। जिसके कारण खरगोश के अंदर दुबारा से वही चेतना आ गई। अब उसके ऊपर किसी की फालतू बातों का कोई असर नहीं पड़ रहा था। इस तरह से खरगोश अब हमेशा खुश रहने लगा था।

कहानी से सीख: 

यह कहानी शिक्षा देती हैं कि हमें अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए। अपने ऊपर दूसरों की फालतू बातों का प्रभाव नहीं पड़ने देना चाहिए।

10. चिड़िया और साँप की कहानी – Story of Bird and Snake:

एक पीपल के पेड़ पर चिड़िया और उसके बच्चे घोंसले में रहते थे। चिड़िया प्रतिदिन अपने बच्चों के लिए खाना लाने जाती थी। उसके घोंसले के पास एक खतरनाक सांप भी रहता था जो उसके बच्चों को खाना चाहता था। एक दिन जब चिड़िया अपने बच्चों के लिए खाना लेकर लौटी तो उसने देखा कि साँप उसके बच्चों को खाने का प्रयास कर रहा था।

यह सब देख चिड़िया बहुत डर गई और उसे लगने लगा की उसके बच्चों का कोई भविष्य नहीं हैं। यह साँप कभी भी घोंसले में आ सकता हैं। लेकिन, चिड़िया ने एक आग का गोला तेजी से उसके घोंसले के पास आता हुआ देखा। वह जानती थी कि वह आग का गोला उसके घोंसले और उसके बच्चों को भी जला देगा।

चिड़िया ने तुरंत, उस आग के गोले को अपने पंखों से ढकने की कोशिश की और उसे बुझा भी दिया। जिसके कारण उसके पंख भी जल जाते हैं। लेकिन, चिड़िया अपनी जान की प्रवाह किए बिना बच्चों को बचा लेती हैं। उसके इस कार्य को देखकर साँप को बहुत आश्चर्य होता है।

चिड़िया की हिम्मत और अपने बच्चों के प्रति लगाव देख साँप बहुत प्रभावित हुआ। उसे समझ आ जाता हैं की चिड़िया जब आग के गोले से लड़ सकती हैं तो वह मुझे किसी भी हाल में नहीं छोड़ेगी। वह उस पेड़ को छोड़कर जंगल में चला जाता हैं।

कहानी से सीख: 

कोई भी बड़ी से बड़ी परेशानी सामने खड़ी हो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। बल्कि, उसका डट कर सामना करना चाहिए।

Leave a Reply