भूतिया कहानी पढ़ने में दिलचस्प लगती हैं। इस तरह की कहानियों में आपको भूत-प्रेत, चुड़ैल, शैतान आत्मा आदि देखने को मिलते हैं। भूतिया कहानियों में आत्माएं व्यक्ति को परेशान करती हैं। वे बदला लेना चाहती हैं। इसके अलावा कुछ फकीर, बाबा, तथा तांत्रिक भी देखने को भी मिलते हैं जो उस भटकती शैतान आत्मा को काबू में करने का काम करते हैं। तो चलिए कहानीज़ोन के इस लेख में भूतिया कहानियों के संग्रह को देखते हैं। जोकि निम्नलिखित प्रकार से हैं:
1. भूतिया कहानी – खूनी रात:

सविता अपनी बहू सीमा को बहुत परेशान करती थी। वह हमेशा उसे दहेज न मिलने के ताने मारती रहती थी। लेकिन सीमा अपनी सासू माँ की बातों को अनसुना कर देती थी। लेकिन सविता अपनी बात दिनों प्रतिदिन बढ़ाती जा रही थी। सीमा अपने पति से भी सासू माँ की हरकतों के बारें में बता चुकी थी। लेकिन उसके पति ने कहा, जैसे माँ जी कहे वैसा करो। सीमा को अपने पति से भी कोई सहायता नहीं मिली।
एक दिन शाम को सीमा खाना बना रही थी। उसकी सासू माँ उसे कई तरह के ताने मारे जा रही थी। सीमा ने कहा, “माँ जी जब आपको दहेज चाहिए था तो मेरे घरवालों से पहले बता दी होती। अगर उनकी हिम्मत होती तो वे तुम्हारे यहाँ शादी करते या नहीं करते। सीमा की बातों को सुनकर सासू माँ आग बबूला हो उठी। उसने कहा, “अब तुम्हारी इतनी हिम्मत हो गई कि तुम मुझसे जुबान लड़ाना शुरू कर दी।”
सासू माँ ने सीमा के बाल पकड़कर उसे बहुत मारा। उसे किचन में बंद करके आग लगा दी, जिससे सीमा की मृत्यु हो गई। उसी रात उसके घर वाले सीमा की डेड बॉडी लेकर शमशान में छोड़ आयें। सीमा मर चुकी थी, लेकिन उसकी मृत्यु अकाल तरीके से हुई थी। सविता ने अपने बेटे से कहा, “बेटा मैं तुम्हारी शादी बड़े घर में करूंगी। जहाँ से बहुत सारा दहेज मिलेगा।
एक रात सविता और उसके परिवार वाले सोए हुए थे। सासू माँ के बेड पर नोटों की गड्डियों से भरा एक बैग रखकर सीमा ने अपने सासू माँ को जगाया। सासू माँ सीमा को अपने सामने देख पसीना से तर-बतर हो गई। सीमा ने कहा, माँ जी डरो मत आपको दहेज चाहिए था न, ये लो पैसों से भरा बैग। लालची सासू माँ ने पैसों का बैग उठाकर तुरंत अपने पास रख ली।
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सीमा अपना रूप चुड़ैल के रूप में बदलती हुई अपनी सासू माँ से मोटी आवाज में बोली, “लालची औरत तुमने मुझे जलाकर मार दिया। अब मेरे दिए हुए पैसों को बड़े प्यार से ले रही हैं। आज तुम्हारे जीवन का अंतिम दिन हैं, उसने अपनी सासू माँ को मार डाली। सीमा फिर अपने पति के पास गई। उसने अपने पति को जगाई। सीमा को अपने सामने देख उसका पति डर गया।
सीमा अपने पति से बोली – “ऐसा पति किस काम का जो पत्नी का सुख-दुख न समझे” उसने कहा, “अगर तुम चाहते तो तुम्हारी माँ मेरी हत्या नहीं कर पाती।” लेकिन तुम सब कुछ जानते हुए मुझे मेरे हालात पर छोड़ दिए। तुम्हारी माँ तो मर चुकी हैं, अब तुम्हारी बारी हैं। वह तेज-तेज से ही… ही… करके हँसने लगी।
उसका पति दरवाजे की तरफ भगाने की कोशिश करने लगा। लेकिन दरवाजा बंद हो चुका था। उसने अपने पति, भाई और उसके पिता को मारकर उस रात को खूनी रात बना दिया।
2. गाँव की चुड़ैल:

ह्रदयपुर नाम का एक खुशहाल गाँव था। उस गाँव में लगभग पच्चीस से तीस घर थे। सभी बहुत मिलजुलकर रहते थे। एक दिन उस गाँव के मुखिया के बेटे की शादी थी। पूरा गाँव मुखिया के बेटे की शादी में गए थे। शादी बहुत धूमधाम से हुई। कहार बहू की डोली लेकर मुखिया जी के घर की तरफ चल दिए। कहार डोली बीच रास्ते में रखकर कुएं से पानी पीने लगे।
अचानक मुखिया के बहू को लगा की उसके ऊपर कोई आकर बैठ गया। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। उस जगह पर एक चुड़ैल रहती थी। जो अपनी शादी की रात उस कुएं में कूदकर जान दे दी थी। मुखिया जी बहू लेकर घर आ गए। उन्होंने अपने पूरे गाँव में शादी की मिठाइयां बांटवा दी। मुखिया जी की बहू बहुत सुंदर थी जो भी उसे देखने आता बिना तारीफ किए नहीं रहता था।
एक रात मुखिया की बहू उठकर पूरे गाँव में टहल रही थी। उसने देखा की पूरे गाँव में सभी लोग सो रहे हैं। वह किसी को मारकर खा सकती हैं। वह खुश हो गई और जोर-जोर से ही… ही… करके हँसने लगी। गाँव वालों ने आवाज सुन समझ गए कि यह तो किसी चुड़ैल की आवाज हैं। वे अपने-अपने घर के बाहर आकर देखे तो उन्हने कुछ दिखाई नहीं दिया।
अगली रात वह जैसे ही बेड से उठकर गाँव में जाने लगी उसका पति उसे देख लिया। उसने अपने पति से कहा, “तुम्हें अपनी जान प्यारी हो तो तुम सो जाओ, मैं जो कर रही हूँ मुझे करने दो। उसका पति अपनी पत्नी का बदला रूप देखकर बहुत डर गया। अगले दिन से वह अपनी पत्नी के साथ रहना छोड़ दिया।
एक रात मुखिया जी की बहू एक नवजात बच्चे को मारकर खा गई। उसे ऐसा करते हुए कई लोगों ने देख लिया। सुबह होते ही पूरे गाँव के लोग मुखिया जी के घर पर एकट्ठा हो गए। सभी ने कहा- “तुम्हारी बहू एक चुड़ैल हैं। उसे इस गाँव से तुरंत निकल दो नहीं तो हम लोग तुम्हारे पूरे घर वालों को इस गाँव को छोड़ने के लिए मजबूर कर देंगे।”
मुखिया जी को विश्वास नहीं हुआ। उसने अपने बेटे से पूछा, “क्या ये गाँव वाले सच कह रहे हैं।” तुम क्या कहते हो? मुखिया का लड़का अपने पिता से सारी बात बता दिया। उसकी बातों को सुनकर मुखिया जी अपनी बहू को उसके मायके भेजवा दिया। उसी रात उसकी बहू चुड़ैल का रूप लेकर मुखिया जी के बेटे के पास आई।
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उसने कहा, “मैंने तुमसे कहा था कि तुम मेरे बारें में किसी से मत बताना। लेकिन तुमने सारी बात पूरे गाँव के सामने बता दिया। आज देखना इस गाँव में कितने लोग मारें जायेगे। चुड़ैल उस गाँव में कई लोगों की हत्या कर दी। पूरा गाँव उस चुड़ैल के डर से परेशान था। उसने उससे निपटने के लिए एक तांत्रिक को बुलाया। तांत्रिक पूरे गाँव को लाल रंग के घेरे से घेर दिया।
उस रात चुड़ैल जैसे गाँव में घुसना चाही उस लाल रंग के तेज से जलकर रख हो गई। वह नीचे बेहोश होकर गिर गई। तांत्रिक ने मुखिया जी से कहा, “अब आपके बहू के ऊपर की शैतानी आत्मा जलकर राख हो चुकी हैं।” अब वह किसी को परेशान नहीं करेगी। उस दिन से मुखिया जी की बहू बेटे ठीक तरह से रहने लगे।
3. भूतिया कहानी – रूम नंबर 101:

सूरज और संगीता की शादी हुए कुछ ही दिन हुए थे। सूरज बहुत खुश था, वह संगीता से बहुत प्यार करता था। वह अपने पूरे जीवन में संगीता को रानी बनाकर रखना चाहता था। लेकिन संगीता सूरज के प्रति कुछ ज्यादा लगाव नहीं दिखाती थी। वह बस सूरज के हाँ में हाँ मिला लेती थी। सूरज और संगीता हनीमून मनाने गए थे। उन्होंने एक होटल बुक किया था। उनका कमरा नंबर 101 था।
दोनों बर्फीली पहाड़ी पर बर्फ का लुफ़त उठाने के लिए गए थे। सूरज स्नो ड्राइविंग करने के लिए संगीता को कहा, लेकिन उसने यह कहते हुए मना कर दिया कि मेरे पेट में दर्द हैं। सूरज ने कहा, “चलो कोई बात नहीं वह किसी और तरह अपने ट्रिप को यादगार बनाना चाहता था। लेकिन संगीता उसका साथ नहीं दे रही थी, वह उदास बैठी थी।”
सूरज ने सोचा चलो मैं अकेले इस बर्फ की वादियों में खुशियां मना लेता हूँ। वह बर्फ से खेल रहा था। इधर संगीता फोन पर किसी से बातें कर रही थी। शाम होते ही संगीता और सूरज नीचे अपने होटल को जाने लगे। अचानक संगीता उसे किसी झाड़ी के पास एक फूल दिखाते हुए उसे लेने के लिए सूरज को भेजती हैं। सूरज उस फूल को लाने गया। उसे तीन-चार लोगों ने मिलकर पकड़ लिया।
सूरज संगीता को आवाज लगाने लगा। संगीता उसके पास आई, उसने कहा, “तुम मेरे पति नहीं हो, मैं अमित से प्यार करती हूँ।” अमित संगीता के पास खड़ा था। संगीता ने कहा, “मेरी शादी जबरदस्ती मेरे माता-पिता ने करवा दी हैं।” उसकी बातों को सुनते ही सूरज ने कहा, “मैं तुमसे प्यार करता हूँ। मैं तुम्हें दुनिया की हर खुशी दूंगा। तुम ऐसा मत करो संगीता।”
उसने उन व्यक्तियों से कहा, हटा दो इसे मेरे और अमित के रास्ते से। वे लोग सूरज के गले को चाकू से काट दिए। सूरज की तड़प-तड़प कर मृत्यु हो गई। संगीता अपने बॉयफ्रेंड अमित को सूरज बनाकर होटल के कमरे नंबर 101 में आ गई। कमरे में संगीता ने देखा कि एक लड़की बैठी थी। संगीता ने अमित से पूछा ये कौन हैं।
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अमित ने कहा, “मैंने भी शादी कर ली हैं।” ये मेरी पत्नी हैं। हम दोनों भी हनीमून मनाने आए हुए हैं। संगीता ने कहा, “लेकिन मैं तुमसे प्यार करती हूँ और मैं तुमसे ही शादी करूंगी। अमित ने कहा, “तुम्हारा क्या भरोसा कल को तुम मुझे भी अपने रास्ते से हटाकर किसी और के साथ चल दी तो। उसने संगीता को धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उसके मुँह पर तकिया रखकर उसे मार दिया।
अमित और उसकी पत्नी उसे बाथरूम में बंद करके दोनों होटल छोड़कर निकल गए। कुछ दिन बाद उस कमरे में जो भी कोई आता उसे संगीता चुड़ैल बनकर परेशान करती थी। इसलिए उस होटल का मैनजर कमरा नंबर 101 को किसी को नहीं देता था। नए साल का जश्न मनाने के लिए पहड़ियों पर बहुत शैलानी आ रहे थे। पैसे अधिक देने के बाऊजूद होटल में कमरे नहीं मिल रहे थे।
कलकत्ता से एक परिवार होटल में ठहरने के लिए आया। वह कमरे के लिए अधिक पैसे देने के लिए तैयार था। उस दिन होटल का मैनेजर नहीं था। किसी और व्यक्ति ने देखा की उस होटल का कमरा नंबर 101 खाली पड़ा हैं। उसने उस परिवार को रुकने के लिए वह कमरा दे दिया।
पूरे दिन घूमने से उनका पूरा परिवार थक चुका था। वे जल्दी ही खाना-पीना करके सो गए। रात गहरी होते ही संगीता चुड़ैल का रूप लेकर कमरे में आई और जोर-जोर से हँसते हुए बोली, “आज तुम सब मारे जाओगे।” उसी परिवार में एक बुजुर्ग व्यक्ति भी था। जिसे जादू-टोना का बहुत अच्छा ज्ञान था।
उसके परिवार के लोग उस चुड़ैल को देखकर सहम चुके थे। वह बुजुर्ग व्यक्ति एक थैले से सरसों का दाना निकलकर कुछ मंत्र पढ़ा और उसे चुड़ैल के ऊपर फेंक दिया। चुड़ैल धू-धू करके जलने लगी। चुड़ैल उसी कमरे में जलकर रख हो गई। उस दिन से कमरा नंबर 101 में चुड़ैल का साया खत्म हो गया।
