5 Real Life Inspirational Stories in Hindi

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किसी व्यक्ति या विशेष के जीवन में घटी हुई प्रेरणादायक घटना, उस व्यक्ति के लिए एक रियल लाइफ प्रेरक कहानी बन जाती हैं। ठीक इसी प्रकार से देखा जाए तो हर किसी के जीवन कोई न कोई घटनाएं जरूर घटी हुई होती हैं। उस घटना में वह व्यक्ति अपने आपको मजबूती के साथ पाता हैं। इस लेख में हमारी यही कोशिश हैं कि हम आपको inspirational stories in hindi language में बताए जोकि निम्न प्रकार से लिखित हैं।

1. अंधेरे से डर – Afraid of dark:

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रूपपुर गाँव में विशाल नाम का एक लड़का रहता था। जिसकी उम्र लगभग बारह साल रही होगी। वह कभी भी अकेले अंधेरे में नहीं जाता था। इस बात को लेकर उसके माता-पिता भी परेशान रहते थे। उन्होंने कई बार उसके डर को भगाने का प्रयास किया लेकिन वे असफल रहे। एक दिन विशाल और उसका दोस्त रोहित मेला देखने गए थे। दोनों मेले में पहुंचकर बहुत खुश थे। वे दोनों अनेकों प्रकार के खिलौने खरीद रहे थे।

लेकिन मेले में भीड़ अधिक होने के कारण विशाल और रोहित एक दूसरे से बिछड़ गए। विशाल अपने दोस्त रोहित को बहुत खोजा लेकिन उसे रोहित नहीं मिला। शाम अधिक हो चुकी थी, रोहित घर जा चुका था। विशाल कुछ समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या करे। विशाल ने हिम्मत जुटाई और अपने घर के लिए निकल पड़ा।

वह सुनसान रास्ते से होते हुए अपने घर को चलता जा रहा था। बीच रास्ते में उसे कई जुगुनू दिखाई दिए। कुछ जुगुनू उसके आगे-आगे उड़ते चले जा रहे थे। ऐसा लग रहा था कि मानो वे जुगुनू विशाल को रास्ता दिखा रहे हो। विशाल जुगुनू देखकर बहुत खुश था। वह अपने डर भय को भूल चुका था। इस तरह से वह जुगुनू के साथ खेलते हुए अपने घर पहुँच गया।

उसे अंधेरे से वापस घर आते देख सभी लोग आश्चर्यचकित हो उठे। विशाल घर पहुंचकर मेले की पूरी घटना को बता दी। विशाल ने कहा, “मुझे जुगुनू के साथ खेलना बहुत अच्छा लगता हैं।” अगले दिन से वह अंधेरा होने का इंतजार करने लगा। इस तरह से विशाल के अंदर छिपे अंधेरे का डर दूर हो गया।

नैतिक सीख:

डर नाम को कोई चीज होती ही नहीं हैं, अपने दिमाग में जैसी सोच रखोगें वैसे बनते जाओगे।

2. पिता से प्रेरणा – Inspiration from father:

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दुबेपुर गाँव में राजू नाम का एक लड़का था। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। उसके पिता साइकिल का पंचर बनाने का काम करते थे। इसके अलावा रात में रिक्शा भी चलाया करते थे। जिससे उनके घर का खर्च चल सके। राजू अपने पिता की मेहनत से बहुत प्रभावित था। राजू ने अपने पिता को अपना रोल मॉडल बना लिया। उसने प्रण किया कि मैं भी अपने पिता की तरह पढ़ाई में मेहनत करूंगा।

इसे भी देखें:10 नैतिक कहानियाँ हिन्दी में – Moral Kahaniya in Hindi

राजू पढ़ाई में अपना सबकुछ देना शुरू कर चुका था। वह प्रतिदिन अपने पिता को देखकर बहुत प्रभावित होता था। धीरे-धीरे राजू अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर ली। अब उसने अपना लक्ष्य बना लिया था कि वह एक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनेगा। उसने अपने बनाए लक्ष्य की तरफ अपने पिता से भी ज्यादा मेहनत करने लगा। मुश्किलें बहुत आई लेकिन राजू ने उसे हमेशा चैलेंज की तरह लिया।

राजू की मेहनत और लगन देखकर उसके पिता को विश्वास हो गया था कि मेरा बेटा एक दिन जरूर कामयाब होगा। क्योंकि राजू के सपनों से बड़ी उसकी मेहनत थी। वह अपने आप पर विश्वास करता था। इसप्रकार से राजू एक दिन सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बना। उसने कर दिखाया कि मेहनत के बल पर कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं।

नैतिक सीख:

जीवन में किसी एक को अपना आइडियल बनाना अत्यंत आवश्यक हैं। क्योंकि बिना गुरु ज्ञान नहीं होता।

3. सपने सच होते हैं – Dreams come true:

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यह कहानी वास्तविक घटना पर आधारित हैं। जोकि कई साल पहले की घटना हैं। लौकिकपुर गाँव जहाँ पर कच्चे मकान लोगों के बड़े बड़े द्वार। गाँव के सभी लोगों में आपसी भाई-चारा देखने को मिलता था। वही, जहाँ शाम होते ही लोगों के घरों में से चूल्हे के धुएं निकल रहे होते थे। रोटी बनने की खुशबू से पूरा गाँव महक उठता था। बच्चे द्वार पर लाइन से चारपाई बिछाकर आसमान की तरफ तारों निहारते थे।

इसी गाँव में संदीप नाम का एक लड़का था। जोकि, एक शाम अपने दादा के साथ चारपाई पर लेटकर आसमान की तरफ देख रहा था। तभी संदीप को एक जहाज आसमान में उड़ते हुए दिखाई दिया। संदीप ने अपने दादा से पूछा, “दादाजी वह आसमान क्या जा रहा हैं।” जिसमें कई तरह की लाइट जल रही हैं। उसके दादा ने उसे बताया कि वह हवाई जहाज हैं। संदीप ने कहा, दादाजी मुझे भी हवाई जहाज में बैठना हैं।

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दादाजी ने कहा, “बेटे अभी तक मैंने जहाज को पास से नहीं देखा। बैठने की बात छोड़ो।” संदीप मायूस सा हो गया। उस दिन उसके अंदर एक उम्मीद सी जग गई उसने कहा, “दादाजी मैं एक दिन आपको बैठकर जहाज उड़ूँगा।” उसी दिन से संदीप सभी से कहने लगा। एक दिन मैं जहाज उड़ूँगा। उसकी बात सुनकर लोग हँसते थे। क्योंकि उस गाँव का कोई भी इंसान अभी तक जहाज देखा तक नहीं था।

अब संदीप अपने अंदर पायलट बनने का सपना बुनने लगा था। उसने अपनी पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी। वह दिन रात एक करके मेहनत करने लगा था। देखते-देखते वह सफलता को कदम दर कदम प्राप्त करता चला जा रहा था। संदीप ने ऐरोनोटिकल्स इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला भी दे चुका था। उसने अपनी मेहनत के बल पर बहुत जल्द डिग्री प्राप्त कर ली।

एक दिन वह अपने गाँव आया उसने अपने दादा से कहा, दादाजी क्या आपको मेरा सपना याद हैं। मैंने आपसे कहा था एक दिन मैं आपको जहाज पर बैठूँगा वह दिन आ चुका हैं। अगले दिन संदीप अपने दादा को लेकर एयरपोर्ट गया। वह अपने दादा को जहाज में बैठाकर आसमान में उड़ गया। उस दिन संदीप ने कहा, “दादाजी सपने सच होते हैं, लेकिन हम उन्हे देखते नहीं।”

नैतिक सीख:

जब तक हम सपने नहीं देखेंगे उसे कैसे पूरे करेंगे। इसलिए हमें सपने देखना चाहिए और उसे पूरे करने का प्रयास भी करना चाहिए।

4. सफलता की गारंटी – Guaranteed Success:

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सफलता की परिभाषा सबके लिए अलग-अलग होती हैं। किसी के लिए स्वास्थ ही धन हैं। जबकि किसी के लिए धन ही सबकुछ हैं। इसके अलावा किसी के लिए खुशी से बड़ी चीज कुछ नहीं हैं। लेकिन अगर देखा जाए तो अच्छा स्वास्थ हैं तो खुशी होगी, अधिक धन हैं तो खुशी होगी। सबकुछ खुशी के लिए ही किया जाता हैं।

रामकुमार नाम का एक किसान था। उसके पास एक खेत था। वह उस खेत में हर साल फसल लगाता था। लेकिन, उसे कभी फसल नहीं प्राप्त हुआ। क्योंकि, कभी उसकी फसल जंगली जानवर खा जाते थे तो कभी उसके खेत में अधिक पानी लगने से फसल सड़ जाती थी। कभी बारिश न होने के कारण उसकी फसल सूख जाती थी।

इतना सबकुछ होने के बाऊजूद वह हर साल फसल लगाता था। एक दिन उसकी मुलाकात एक फकीर से हुई जोकि उसी रास्ते से कही जा रहा था। फकीर ने बातों-बातों में किसान का हालचाल जानने की कोशिश की। किसान ने अपनी सारी दुर्दशा उस फकीर बाबा से बता दिया।

फकीर ने सबसे पहले तो किसान को बहुत धन्यवाद दिया कि इतना कुछ होते हुए भी तुम फसल लगाना बंद नहीं किए। आगे फकीर बाबा ने उसे सभी चुनौतियों से निपटने के लिए कहा, “जंगली जानवर से अपने फसल बचाने के लिए तुम अपने खेत के चारों तरफ बड़े-बड़े बाँस लगाकर आने जाने का रास्ता बंदकर दो। जिससे जंगली जानवर तुम्हारे खेत में नहीं घुस पाएंगे।

इसके अलाव अपने खेत के चारों ओर मोटे-मोटे बांध बना दो जिससे तुम्हारे खेत में ज्यादा पानी नहीं भरेगा। सूखे से निपटने के लिए इसी खेत के एक किनारे ट्यूबवेल लगवा लो। जिससे तुम्हारे खेत में कभी सूखा नहीं पड़ेगा। फकीर बाबा की बात सुन किसान के अंदर उम्मीद की किरण जग गई।

ठीक इसी प्रकार से देखें तो यह कहा, जा सकता हैं कि सफलता प्राप्त करने के लिए हमें निरंतर प्रयास रत्न रहना चाहिए। क्योंकि, अगर एक दिशा में फोकस होकर निरंतर प्रयास किया जाए तो एक दिन सफलता जरूर प्राप्त होगी। इसके लिए हमें धैर्य, मेहनत और लगन की जरूरत होती हैं।

नैतिक सीख:

सफलता एक दिशा में लगकर निरंतर प्रयास करते रहने पर ही मिलती हैं।

5. अपनी पहचान खुद बनाए – Create your own identity:

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एक दिन सालू अपनी दादी के साथ रात्री का भोजन कर रही थी। सालू अपनी दादी से बहुत लगाव रखती थी। जिसके कारण वह अपनी दादी से सवाल पर सवाल किए जा रही थी। सालू ने अपने दादी से पूछी, “दादीजी सफलता क्या होती हैं? दादी ने सालू को जबाब दिया “जब तुम कही जाती हो तो लोग तुम्हारा परिचय कैसे करवाते हैं।” सालू ने बहुत ही मधुर आवाज में बोली, लोग मुझे दिखाते हुए कहते हैं, “ये विनोद शर्मा जी की बेटी हैं।”

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दादी ने कहा, हाँ! बिल्कुल ऐसे ही परिचय करवाते हैं। लेकिन अगर वही व्यक्ति तुम्हारे पापा को कहने लगे की ये शालू के पापा हैं तो समझ लेना तुम सफलता की श्रेणी में आती हो। ऐसा तभी हो सकता हैं। जब तुम अपने आप से कुछ बनकर दिखाओगी। तभी तुम्हारे नाम से तुम्हारे पिता, गाँव और तुम्हारे रिस्तेदारों की पहचान होगी।

ऐसा करने के लिए तुम्हें अपना रास्ता भीड़ से अलग बनाना पड़ेगा। तभी तुम कामयाबी की शिखर पर जा सकती हो। किसी को देखकर उसके जैसा बनने की लगन से सफलता नहीं पाई जा सकती हैं। बल्कि अपने अंदर के हुनर को समझो और उसे मजबूत बनाओ तभी सफलता मिलेगी। दादी की बात सालू को अच्छी तरह से समझ आ गई। अब वह अपने बनाए रास्ते पर चल पड़ी।

नैतिक सीख:

हमारे सपने जीतने बड़े हैं कामयाबी भी उतनी बड़ी होगी। इसलिए हमें अपनी क्षमता को पहचानकर आगे बढ़ना चाहिए।

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