नैतिक कहानियां सदैव से ही शिक्षा और प्रेरणा का स्रोत रही हैं। इन कहानियों के माध्यम से हमें जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों और सदाचारों की शिक्षा मिलती है। कहानियां हमें अच्छाई और बुराई में फर्क करना सीखाती हैं। जिसके माध्यम से हम अपने जीवन में बहुत सारे बदलाव कर सकते हैं। आज हम आपको 10 ऐसी ही प्रेरणादायक छोटी नैतिक कहानियाँ सुनाने जा रहे हैं, जो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।
1. भेड़िया और मेमना की कहानी – Wolf and Lamb Stroy:
एक बार, एक भेड़िये ने एक मेमने को देखकर उसे खाने के लिए सोचा। उसने मेमने को पकड़ने का प्रयास किया। मेमना भागने लगा और एक नदी के किनारे जा पहुंचा। भेड़िये ने मेमने से कहा, “डरो मत, मैं तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। नदी के पानी का बहाव बहुत तेज हैं। मैं तुम्हें नदी पार करवा दूंगा।” मेमना भेड़िये के झूठे वादें में आ गया और उसके ऊपर बैठ कर नदी पार करने के लिए तैयार हो गया। बीच नदी में भेड़िये ने मेमने पर हमला कर दिया और उसे मारकर खा लिया।
नैतिक सीख🧠: हमें कभी भी किसी अनजान तथा अजनबी व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
2. गाय और दूधवाला – Cow and Milkman:
एक दूधवाले के पास एक गाय थी जिसका दूध निकाल कर वह बाजार में बेचकर अपना जीवन यापन करता था। इसके अलावा उसके पास कोई और पैसा कमाने का साधन नहीं था। एक दिन जब वह बाजार दूध बेचने गया था। उस दिन उसकी गाय उसके घर के सामने बने तालाब में गिर गई, तालाब से बाहर न निकल पाने के कारण तालाब में ही मर गई।
जब शाम को दूधवाला वापस आया तो देखा उसकी गाय मर चुकी थी। वह बहुत परेशान हो गया और सोचने लगा। अब आगे उसका जीवन कैसे चलेगा। उस रात उसको नीद नहीं आयी। अगली सुबह वह उसी तालाब के किनारे काफी देर से चिंतित बैठा हुआ था।
तभी उसके दिमाग में एक विचार आया कि ऐसे बैठने से कुछ नहीं होगा। हमें आगे बढ़ने का दूसरा तारीका ढूँढना पड़ेगा। हमारे पास और रास्ते हो सकते हैं। उसने उसी तालाब की मछलियों को पकड़ कर बाजार में बेचना शुरू कर दिया। इससे उसको दूध से भी ज्यादा पैसे मिलने लगे। धीरे-धीरे वह बहुत बड़ा आदमी बन गया।
नैतिक सीख🧠: जो भी होता है अच्छे के लिए होता हैं, एक रास्ता बंद होने पर हमें हाथ पे हाथ रख के नहीं बैठना चाहिए। हमें दूसरे रास्ते की तलाश जरूर करनी चाहिए।
3. ईमानदारी की ताकत – Power of Honesty Story:
एक छोटे से गांव में रामू नाम का एक लड़का रहता था वह बहुत ही नेक, चतुर और ईमानदार लड़का था। वह हमेशा सच बोलता था और कभी चोरी नहीं करता था। उसकी ईमानदारी के कारण गांव के सभी लोग उसका आदर करते थे। एक रात वह अपने घर के दरवाजे पर सोया था। उसी रात कुछ गांव के व्यक्ति उसके बगल वाले घर में चोरी करके समान ले जा रहे थे।
तभी उन लोगों के पैरों की आवाज से रामू की आँख खुल गयी रामू उन लोगों के पास गया और देखा तो वे लोग गांव के ही कुछ व्यक्ति थे जो चोरी करके जा रहे थे। वें लोग रामू को रिश्वत देने लगे और कहने लगे इस बात को तुम किसी से मत बताना।
अगले दिन गांव में पंचायत जुटी, जिसमें रामू ने सभी के सामने जा कर सारी बातें सच-सच बता दी। जिसके लिए चोरों को दंड देने की सजा सुनाई गई और रामू की ईमानदारी की सभी ने तारीफ की और उसे गांव के लोगों ने पुरस्कृत भी किया।
नैतिक सीख🧠: ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण गुणों में से एक है। यह न केवल दूसरों का विश्वास जीतने में मदद करती है, बल्कि आत्म-सम्मान और शांति भी दिलाता है।
4. अकबर और बीरबल – Akbar and Birbal Stroy:
एक बार अकबर और बीरबल शिकार करने जा रहे थे, शिकार करते समय अकबर के दायें हाथ का अँगूठा तलवार निकलते समय कट जाता हैं और वह अपने सिपाहियों से बोलता हैं, जाओ किसी वैद्य को बुला कर लाओ। फिर अकबर बीरबल को बुलाता हैं और बोलता हैं कि,”देखो ये क्या हो गया मेरे साथ मेरी हालत तो देखो, बीरबल ने बोला “महाराज जो भी होता हैं, अच्छे के लिए होता हैं।”
अकबर को गुस्सा आ जाता हैं और अपने सिपाहियों को बोलता हैं “वैद्य को बाद में बुलाना, पहले इसको ले जाओ, इसे उल्टा लटका के कोड़े मारो और सुबह इसे फांसी दे देना”। इसके बाद अकबर अकेले शिकार पर चला जाता हैं। कुछ आदिवासी उसे पकड़ लेते हैं और उसकी बलि चढ़ाने के लिए उल्टा लटका देते हैं। उसके बाद सभी आदिवासी डांस करने लगते हैं, तभी एक आदिवासी की नजर उसके कटे अंगूठे पर पड़ती हैं। वह बोलता हैं यह तो अशुद्ध हैं। हम इसकी बलि नहीं चढ़ा सकते, इसको छोड़ दो।
अकबर को बीरबल की याद आती हैं और वह सोचता हैं अब तक बीरबल को फांसी दे दी गयी होगी। वह तेजी से भागता हुआ आता हैं, और देखता हैं तो बीरबल को फांसी होने ही वाली थी। वह बीरबल के पास जाता हैं और उसको सारी बात बताता हैं और रोने लगता हैं। बीरबल बोलता हैं महराज जो भी होता हैं, अच्छे के लिए होता हैं, फिर से अकबर झुँझला उठा और पूछा इसमें अच्छा क्या है, बीरबल ने बोला महाराज अगर मैं आपके साथ गया होता तो वे लोग मुझे फांसी पर चढ़ा देते।
नैतिक सीख🧠: जो होता हैं अच्छे के लिए होता हैं, परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए।
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5. दो दोस्तों की कहानी – Story of Two Friends:
एक गांव में दो छोटे बच्चे रहते थे दोनों एक दूसरे के जिगरी दोस्त थे, एक की उम्र 6 साल और एक की उम्र 9 साल की थी। एक दिन दोनों खेलते-खेलते गांव से दूर एक जंगल में पहुंच गए। बड़ा बच्चा पतंग उड़ा रहा था। पतंग उड़ाते-उड़ाते बड़ा बच्चा कुंए में गिर गया और जोर-जोर से “बचाओ-बचाओ” चिल्लाने लगा।
छोटे बच्चे ने इधर-उधर देखा दूर-दूर तक उसे कोई दिखाई नहीं दिया। उसने कुएं के पास पड़ी रस्सी से बंधी बाल्टी बिना देर किए कुएं में डाल दी और उसके दोस्त ने उसे पकड़ लिया। वह 6 साल का बच्चा जोकि एक बाल्टी पानी नहीं उठा सकता था, उसने अपनी पूरी मेहनत से रस्सी को खींच कर, अपने दोस्त को बचा लिया। दोनों दोस्त गले मिलकर रोने लगे।
लेकिन जब गांव जाकर सारी घटना पूरे गांव वालों को सुनाई तो किसी को विश्वास नहीं हुआ। गांव में एक बहुत बुजुर्ग मुखिया रहते थे जिनको लोग रहीम चाचा के नाम से जानते थे। उन्होंने बच्चों की बात पर विश्वास किया। सभी लोग उनके पास आए और उनसे पूछने लगे ऐसा कैसे हो सकता हैं।
रहीम चाचा ने बताया, जब इसका दोस्त कुएं में गिरा, उस समय इस बच्चे ने अपने दोस्त की जान बचा ली क्योंकि उस समय इस बच्चे को यह बताने वाला कोई नहीं था कि “यह काम तुम नहीं कर सकता“। इसलिए, इस बच्चे ने अपने साहस और हौसले से अपने दोस्त को बचा लिया।
नैतिक सीख🧠: हौसले से बड़ी कोई चीज नहीं होती। आप अपने साहस और जज़्बात से दुनिया का बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं। बशर्ते अपने आप को कम न आकें।
6. लकड़हारा और जलदेवी – Woodcutter and Water Goddess:
एक लकड़हारा जो बहुत गरीब था। वह जंगल से लकड़ी काट कर उसे बाजार में बेचकर अपना जीवन उन्ही पैसों से बिताता था। लेकिन, लकड़हारा बहुत ईमानदार था। हर दिन की तरह एक दिन वह जंगल में लकड़ी काटने गया था। लेकिन उसको कोई सूखा पेड़ नहीं मिला। वह वही बैठकर काफी देर तक सोचता रहा कि अब वह लकड़ी कहाँ से लाएं।
लकड़हारे को प्यास लग रही थी, वह नदी के पास पानी पीने के लिए गया। उसे नदी के किनारे एक सूखा पेड़ भी दिखाई दिया। वह पानी पीने के बाद लकड़ी काटने के लिए उसी पेड़ पर चढ़ गया। जैसे ही उसने लकड़ी काटना शुरू किया उसकी कुल्हाड़ी नदी में जा गिरी। नदी के पानी का बहाव बहुत तेज था तथा नदी बहुत गहरी थी।
लकड़हारा उसी पेड़ पर बैठे-बैठे अपनी किस्मत को दोष देने लगा और बहुत जोर-जोर से रोने लगा। तभी उस नदी से जलदेवी निकली और लकड़हारे से पूछा कि “आप क्यों रो रहे हो”। लकड़हारे ने सारी बात बता दी जलदेवी उससे बोली,”मैं आप की कुल्हाड़ी खोजती हूँ”।
फिर जलदेवी ने लकड़हारे को सोने और चांदी की कुल्हाड़ी दिखाई, बोली ये लो आपकी कुल्हाड़ी, लकड़हारे ने बोला यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं हैं। फिर जलदेवी ने लकड़हारे को उसकी कुल्हाड़ी दिखायी और लकड़हारे ने ईमानदारी से हाँ बोल दिया। उसकी ईमानदारी पर जलदेवी प्रसन्न हो गई और तीनों कुल्हाड़ी उसे दे दी।
नैतिक सीख🧠: हमें हमेशा ईमानदार रहना चाहिए परिस्थितियां चाहे जैसे भी हो, ईमानदारी का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।
7. चींटी और टिड्डा – The Ant and the Grasshopper:
एक जंगल में चींटी और टिड्डे साथ रहते थे। चींटी हमेशा मेहनत करके भोजन इकट्ठा करती थी, जबकि टिड्डा सिर्फ गाना-बजाना और मौज-मस्ती करता रहता था। गर्मियों के दिनों में चींटी खाने के लिए अनाज इकट्ठा करती रही, जबकि टिड्डा आराम करता रहता था।एक बार बारिश कई दिनों तक होती रही जिसके कारण टिड्डे के पास भोजन की कमी हो गई उसके पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा था। बारिश लगातार हो रही थी।
टिड्डे को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करे वह खाना कहाँ से लाए। वह चींटी से भोजन मांगने गया, लेकिन चींटी ने उसे मना कर दिया। चींटी ने टिड्डे को उसकी सूखे दिनों में गाने गाना, मौज मस्ती करना तथा आलसपन के कारण पड़े रहने के बारे में याद दिलाया और उसे अपने पास से भगा दिया। टिड्डे को अपने बीते हुए समय को याद करके बहुत रोना आया।
नैतिक सीख🧠: हमें हमेशा मेहनत करनी चाहिए जिससे हमारा अच्छा भविष्य बन सके। बिना मेहनत के सफलता प्राप्त करना संभव नहीं है।
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8. किसान और साधु महात्मा – Farmer and Sage Mahatma:
एक गरीब किसान था, जिसके पास बहुत ज़मीन थी। लेकिन वह गरीब था, क्योंकि वह बहुत आलसी था, वह खेतों में काम नहीं करना चाहता था। जिसके कारण कभी-कभी तो वह और उसके बच्चे भूखे ही सो जाते थे। एक दिन उसके घर के बगल से एक बूढ़े साधु महात्मा जा रहे थे।
वे उस किसान को उदास बैठे हुए देखकर बोले,”तुम उदास क्यों बैठे हो”। किसान ने सारी बात उस महात्मा को बता दी। अगले दिन वही साधु फिर से किसान के पास आए और बोले बहुत पहले गांव में चोरी हुई थी और चोरों ने चोरी किया हुआ धन आपके खेत में छिपा दिया था और मुझे किसी से न बताने के लिए कहा था।
अगर तुम अमिर बनना चाहते हो तो अपने खेतों की जुताई करके धन निकाल लो। किसान को लालच आ गया। उसने खेतों की जुताई की लेकिन उसे कुछ नहीं मिला। उसी रात उस बूढ़े संत ने खेत मे बीज डाल दिये और अच्छी बारिश हो गई। जिसके कारण अच्छी फसल आ गयी फसल देख कर किसान खुश हो गया।
नैतिक सीख🧠: सफलता के लिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है। बिना मेहनत के कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता।
9. राजा के दरबार में न्याय – Justice in the King’s Court:
एक राज्य में एक बुद्धिमान राजा रहता था। एक दिन, राजा के दरबारियों ने अपने राज्य के दो व्यक्तियों को राजा के सामने पेश किया। क्योंकि दोनों व्यक्ति आपस में लड़ाई कर रहे थे। राजा ने दोनों व्यक्तियों की बात बारी-बारी से सुनी। दोनों व्यक्ति एक दूसरे के ऊपर चोरी का आरोप लगा रहे थे।
राजा के सामने रखी एक बाल्टी पानी में दोनों व्यक्तियों को बारी-बारी से अपने हाथ डुबोने के लिए बोला गया, जो व्यक्ति झूठ बोल रहा होगा उसके हाथ डालने से पानी का रंग लाल हो जाएगा। इस प्रकार, अब चोरी किया हुआ व्यक्ति सहम गया और सारी बातें सच-सच बताने लगा। राजा के सामने सच को कबूल कर लिया और बताया कि उसने झूठा आरोप लगाया था। राजा ने उस व्यक्ति को माफ कर दिया और उसे सच बोलने के लिए पुरस्कृत किया।
नैतिक सीख🧠: हमें हमेशा सच बोलने का साहस करना चाहिए, भले ही परिस्थिति कैसी भी हो। सच बोलने से आपका सम्मान बढ़ता है और समाज में आपकी विश्वसनीयता मजबूत होती है।
10. चतुर लोमड़ी और मूर्ख कौवे की कहानी – Story a Clever Fox and a Foolish Crow:
एक कौवा पेड़ पर बैठ कर रोटी खा रहा था। एक लोमड़ी उस पेड़ के नीचे आई और कौवे को रोटी खाते हुए देखा। जिसके कारण उसके मुँह में पानी आ गया। लोमड़ी रोटी खाने के लिए कुछ जतन करने लगी। पेड़ के नीचे से लोमड़ी अपनी मीठी आवाज में बोली कौवे भैया लोग कहते हैं आप की आवाज बहुत मधुर हैं और आप गाना बहुत अच्छा गाते हो क्या आप अपनी बहन के लिए एक गाना गा सकते हो प्लीज!
लोमड़ी की तारीफ सुन कौआ फुले-न-समाया जैसे उसने गाना गाने के लिए अपना मुँह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे जा गिरा। लोमड़ी तुरंत रोटी को उठा कर भाग गई। कौआ समझ गया कि मुझे लोमड़ी मूर्ख बना गई और उसे अपने आप पर बहुत पछतावा हुआ।
कहानी से सीख🧠: हमें चापलूसी से बचना चाहिए, किसी को गुमराह नहीं करना चाहिए। जबकि, हमें किसी की बातों मे आकर इतनी जल्दी भावुक नहीं होना चाहिए।
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