छोटी स्टोरी बच्चों को कम समय में उनका मन बहलाने के साथ-साथ उन्हें बहुत कुछ सिखा जाती हैं। इसके अलावा अगर कहानियां नैतिक शिक्षा के साथ में हो तो बच्चा उस कहानी से मिलने वाली प्रेरणा को अपने दिमाग में बैठा लेता हैं। इसीलिए आज हम कहानीज़ोन के इस लेख में आपके बच्चो के लिए 10 short stories in hindi में बताने जा रहे हैं, जोकि निम्नलिखित प्रकार से हैं।
1. लोमड़ी और अंगूर:
एक लोमड़ी भूखी प्यासी कहीं से भागती हुई एक वन में आ पहुँची। उस वन में बहुत सुंदर-सुंदर फल, फूल लगे थे। लोमड़ी किसी तरह अपनी भूख मिटाना चाहती थी। वह इधर-उधर कुछ खाने की चाहत में भटक रही थी। अचानक उसे रसीले अंगूर के गुच्छे लटकते हुए दिखाई दिए। लोमड़ी से रहा नहीं गया। वह झट से उस पेड़ के नीचे जा पहुँची और वह अंगूर खाने के लिए छलांग लगाने लगी।
लेकिन, अंगूर की बेल ऊँची होने के कारण वहाँ तक नहीं पहुँच पा रही थी। लोमड़ी अंगूर खाने के लिए भरसक प्रयास कर रही थी। जब वह थक हार कर बैठ गई तो अपने आप को सांत्वना दिलाने के लिए बोली मैं भी कितनी मूर्ख हूँ, इन खट्टे अंगूरों के पीछे पड़ी हूँ। वैसे भी ये सारे अंगूर खट्टे हैं। इतना कहकर लोमड़ी वहाँ से चली गई।
कहानी से सीख:
लक्ष्य प्राप्त ना होने पर उसमें कमियाँ नहीं निकालते बल्कि, उसे दूसरे तरीके से प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
2. चूहा और बिल्ली:
रामू के घर में कई चूहे रहते थे। उसी घर में एक बिल्ली भी रहती थी। जोकि चूहों को खा कर उनकी संख्या कम करती चली जा रही थी। अब चूहे इतना डर और भय में अपना जीवन जी रहे थे कि मानो उनके जीवन का आखिरी दिन आज ही हैं। इस तरह कुछ चूहे उस बिल्ली के डर के कारण अपने बिल से बाहर भी नहीं आते थे। जिसके कारण उनको कुछ खाने को नहीं मिल पाता था जिससे उनकी मृत्यु हो जाती थी।
बिल्ली से छुटकारा पाने के लिए एक दिन चूहों ने एक बैठक बुलाई। सभी चूहों ने अपने-अपने मत प्रकट किये। लेकिन किसी का मत पसंद नहीं आया। तभी एक चूहे के बच्चे ने धीरे से बोला- “बिल्ली से बचने के लिए मेरे पास एक बहुत ही बढ़िया और सरल उपाय हैं। सभी चूहों ने बड़ी उत्सुकता से जानना चाहा।
चूहे ने कहा हमें बिल्ली के गले में एक घंटी बांध देनी चाहिए। घंटी बजते ही हम सभी समझ जाएंगे कि हमारा दुश्मन आ रहा हैं। उस छोटे चूहे की तरकीब सुनकर सारे चूहे खुशी से उछल पड़े। तभी एक बूढ़े चूहे ने पूछा- “इस छोटे चूहे की तरकीब तो ठीक हैं। लेकिन, तुममें से कौन बिल्ली के गले में घंटी बांधेगा?”
कहानी से सीख:
कहने और करने में बहुत अंतर होता हैं।
3. शेर और चूहा:
जंगल में एक शेर शिकार कर के सो रहा था। तभी अचानक एक चूहा उसके ऊपर उछल कूद करने लगा। एकाएक शेर की नींद खुल गई। उसने अपने नुकीले पंजे से चूहे को दबोच लिया। चूहा रोते हुए अपने जीवन की भीख माँगने लगा। वह शेर से कहता हैं- ”हे महाराज! मुझे छोड़ दो, मैं मुश्किल घड़ी में आपकी मदद करूँगा।”
शेर चूहे की बातों को सुनकर जोर से हँसा और कहा – “तुम मेरी मदद करोगे….?, जाओ, मैं अभी शिकार कर के सोया हूँ इसलिए तुम्हें छोड़ रहा हूँ। अगर दुबारा से तुमने मेरी नींद में खलल डाली तो मैं तुम्हें अपना भोजन बना लूँगा।
कुछ दिन बाद वह शेर शिकारियों के जाल में फँस गया। वह जोर-जोर से दहाड़ लगाने लगा। उसकी आवाज सुनकर चूहा तुरंत शेर के पास पहुंचा और अपने नुकीले दांतों से जाल को काटकर अलग कर दिया। शेर ने चूहे का धन्यवाद किया।
कहानी से सीख:
हमें जीवन में हर तरह के लोगों की जरूरत पड़ती हैं चाहे वह छोटा हो या बड़ा।
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4. कछुआ और खरगोश:
एक वन में चीकू नाम का एक खरगोश रहता था। वह अपने आप को बहुत चतुर और बुद्धिमान समझता था। वह अपनी तेज चल के लिए अपने आप पर घमंड करता रहता था। आए दिन वह किसी न किसी जानवर को अपने साथ रेस लगाने के लिए चैलेंज करता था। उसकी तेज चाल के कारण उसे कोई हरा नहीं पाता था।
एक दिन खरगोश ने कछुए को रेस लगाने के लिए चैलेंज किया। कछुए ने खरगोश को जबाब दिया- “अगर आपका मन मेरे साथ रेस लगाने का हैं तो चलो रेस लगा लो”।
कछुआ और खरगोश ने लोमड़ी को जज बनाया। कछुआ और खरगोश में दौड़ शुरू हुई। खरगोश उछल कूद कर दौड़ने लगा। अपने पीछे कछुए की धीमी चाल देखकर उसे बहुत मजा आ रहा था। खरगोश ने तेजी से रफ्तार भरी। वह काफी दूर निकल गया। वहाँ से उसे दूर-दूर तक कछुआ नजर नहीं आ रहा था।
“उसने सोचा चलो पेड़ के नीचे थोड़ा आराम कर लिया जाए। अभी तो कछुआ बहुत पीछे होगा”। पेड़ के नीचे ठंडी-ठंडी सुहावनी हवा चल रही थी। उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी आँख लग गई। कछुआ अपनी धीमी चाल से चलता चला आ रहा था। उसने रास्ते में देखा कि खरगोश पेड़ के नीचे सोया हुआ हैं। वह चुप-चाप अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ता चला गया और अपनी मंजिल पर पहुंचकर खरगोश का इंतजार करने लगा।
अचानक खरगोश की नींद खुली और वह तेजी से निर्धारित लक्ष्य की तरफ भागा और उसने देखा कि कछुआ वहाँ पर पहले ही पहुँच चुका था। इस तरह से लोमड़ी ने कछुए को विजेता घोषित किया।
कहानी से सीख:
सफलता निरंतर प्रयास से मिलती हैं।
5. कौवा और लोमड़ी:
एक कौवा भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। उड़ते-उड़ते उसे एक आँगन में रोटी रखी हुई दिखाई दी। वह झट से रोटी को लेकर उड़ गया। कौवा मन ही मन खुश हुआ। वह सोच रहा था आज उसे भरपेट भोजन मिल गया हैं। कौवा जाकर एक पेड़ की डाल पर बैठा। उसी पेड़ के नीचे एक लोमड़ी ने आवाज लगाई। कौवा भैया… कौवा भैया, आप कहाँ थे आपको जंगल के राजा खोज रहे हैं।
किसी ने आपके बारे में जंगल के सभी जानवरों को बता दिया हैं कि आप गाना बहुत अच्छा गाते हो। लोमड़ी की बात सुनकर कौवा गुरूर से भर गया। लोमड़ी कौवे से बोली जरा मुझे भी एक गाना सुना दो। कौवे ने जैसे ही गाना सुनाने के लिए अपना मुँह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे जा गिरा जिसे लोमड़ी लेकर अपने गुफा की ओर भाग गई।
कहानी से सीख:
किसी के बहकावे में आकर बहुत उत्तेजित हो जाना नुकसानदायक होता हैं।
6. चींटी और कबूतर:
जंगल के किनारे नदी के पास एक पेड़ पर एक कबूतर रहता था। वह बहुत ही दयालु स्वभाव का था। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए लालायित रहता था। कबूतर बहुत बूढ़ा भी हो चुका था। जिससे वह ज्यादा उड़ नहीं सकता था। इसलिए वह हमेशा उसी पेड़ पर बैठा रहता था। उसका व्यवहार अच्छा होने के कारण उसे खाने के लिए अन्य पक्षी कुछ न कुछ दे दिया करते थे।
एक दिन उस पेड़ के सभी पक्षी अपने-अपने भोजन की तलाश में गए हुए थे। उस पेड़ पर सिर्फ वही बूढ़ा कबूतर बैठा था। तभी उसने देखा कि नदी के पानी में एक चींटी बहती जा रही थी। वह नदी से बार-बार बाहर निकलने का प्रयास कर रही थी। लेकिन, वह निकल नहीं पा रही थी। कबूतर ने नदी के किनारे एक पत्ता तोड़कर गिरा दिया जिसपर चींटी चढ़कर बाहर आ गई।
कुछ समय बाद चींटी ने देखा कि एक शिकारी पेड़ पर बैठे कबूतर को पत्थर से मारने जा रहा हैं। चींटी ने शिकारी के पैर में तेजी से डंक मार दिया। जिससे उसका निशाना चूक गया।
कहानी से सीख:
परोपकार और दयालुता कभी व्यर्थ नहीं जाती।
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7. खरगोश और उसके कान:
एक बार की बात हैं एक शेर शिकार करने के लिए जंगल में घूम रहा था। अचानक उसे एक बारहसिंघा दिखाई दिया। शेर उसके पीछे पड़ गया। लेकिन, बारहसिंघा अपनी जान बचाने के लिए तेजी से भाग रहा था। लेकिन शेर ने छलांग लगाते हुए उसके पीछे के दोनों पैरों को अपने जबड़े में धर दबोचा। परंतु बारहसिंघा ने अपनी लंबी-लंबी सींगों से शेर की दोनों आँखें फोड़ दी।
अगली सुबह राजा शेर सिंह ने अपने दरबारी लोमड़ी से पूरे जंगल में ऐलान करवाता हैं कि इस जंगल में कोई भी सींग वाला जानवर नहीं रहेगा। सींग वाले जानवर जंगल को छोड़कर किसी और जंगल में चले गए। सुबह-सुबह खरगोश ने जब परछाई में अपने आपको देखा तो उसे उसके उठे कान सींग की तरह प्रतीत हुआ। वह बिना सोचे समझे किसी और जंगल में चला गया। वहाँ पर भेड़िए ने उसे अपना शिकार बना लिया।
कहानी से सीख:
बिना सच्चाई जाने कोई भी फैसला लेना दुखदाई हो सकता हैं।
8. बुद्धिमान मछुआरा:
एक दिन एक मछुआरा मछली पकड़ने के लिए किसी नदी में गया। कुछ समय बाद उसके जाल में एक छोटी सी सुनहरी मछली फँस गई। मछुआरा उसे पकड़कर अपनी टोकरी में डालने ही वाला था कि वह मछली बोल पड़ी- “कृपया मुझे छोड़ दो, मै इतनी छोटी हूँ, मुझे घर ले जाने से आपको क्या मिलेगा। जब मैं बड़ी हो जाऊँगी तो आपके लिए शानदार भोजन बनूँगी।
मछुआरे ने मछली की एक भी न सुनी उसने यह कहते हुए तुरंत मछली को अपनी टोकरी में डाल लिया कि कल का क्या पता तुम्हें कोई और मछुआरा पकड़ ले जाए तो मैं क्या करूँगा।” हाथ आए शिकार को नहीं छोड़ सकता। कुछ न सही से अच्छा हैं कुछ तो हैं।
कहानी से सीख:
एक छोटा सा लाभ बड़े वादे से कई गुना अच्छा होता हैं।
9. राही और पेड़:
गर्मी का मौसम था, दो राही कहीं जा रहे थे। गर्मी के कारण उनकी हालत बेहाल होती चली जा रही थी। उन्हें कदम-कदम पर पानी की जरूरत पड़ रही थी। दोनों राही ने सोचा कि किसी छाव में रुकना बहुत जरूरी हैं नहीं तो तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो जाएगी। लेकिन, दूर-दूर तक उन दोनों को छायेदार पेड़ नहीं दिखाई दे रहा था।
दोनों किसी तरह आगे बढ़ते चले गए। काफी दूर आगे उन्हें एक लंबा पत्तों से भरा पेड़ दिखाई दिया। उस पेड़ के नीचे दोनों राही आराम करने लगे। उस पेड़ से सूखे पत्ते गिरते जा रहे थे। पहले राही ने कहा यह पेड़ कितना बेकार हैं जोकि, कोई फल नहीं देता, सिर्फ जमीन में पत्ते बिखेरता रहता हैं।
तभी पेड़ से आवाज आई। मूर्ख प्राणी! मेरी छाया में बैठकर मेरे ही अंदर कमियाँ निकाले जा रहा हैं। कम से कम मेरी एक अच्छाई भी देख लेते। मेरे पत्ते औषधि बनाने के काम में आते हैं। मैं अच्छी मात्रा में आक्सीजन प्रदान करता हूँ। मेरी लकड़ियाँ बहुत बेशकीमती हैं।
कहानी से सीख:
इस जहान में कोई भी वस्तु खराब नहीं होती हैं। सबका अपना-अपना महत्त्व हैं।
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10. दो बकरियाँ:
एक जंगल से दूसरे जंगल के बीच एक बहुत बड़ी खाई थी जिसके नीचे झरने के पानी का तेज बहाव था। उसी खाई के बीच एक गिरा हुआ पेड़ था जिसके ऊपर चढ़कर एक जंगल से दूसरे जंगल को जा सकते थे। इस पेड़ के रास्ते से एक बार में एक ही जानवर जा सकता था।
एक दिन उसी पेड़ पर दो बकरियाँ आमने-सामने मिल गई। दोनों बकरियाँ एक दूसरे को पीछे हटने के लिए कहने लगी। दोनों ने एक दूसरे की बातों को नहीं माना और बीच रास्ते में सींग से सींग मिलाकर लड़ाई करने लगी। जिसके कारण दोनों खाई में जा गिरी।
कहानी से सीख:
जिद्द इंसान को ले डूबती हैं। अगर थोड़े समय के लिए पीछे हट जाने से किसी का भला हो जाता हैं तो इस बात में बुराई नहीं हैं।