5 बेस्ट रोमांटिक प्रेम कहानी – Romantic Love Story in Hindi

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कहानीज़ोन के इस लेख में प्यार और रोमांस से भरपूर 5 romantic love story in hindi में देखने को मिलेंगे। सभी स्टोरी रियल लाइफ रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी के आधार पर लिखित हैं। इस तरह की स्टोरी हमें लाइफ के कई अहम पहलू से परिचय करवाती हैं। इसके अलावा प्यार हमारे जीवन में कितना महत्व रखता हैं। इसके बारें में भी बताती हैं।

1. राजू और मधू की लव स्टोरी:

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राजू नौकरी की तलाश में दिल्ली शहर पहुँचा। रेलवे स्टेशन से बाहर निकलकर अपने चाचा के घर के लिए ऑटो पकड़कर निकल गया। चाचा के घर पहुंचकर अगले दिन से नौकरी की तलाश में इधर-उधर इंटरव्यू देने लगा। इस तरह से उसे एक महीने बीत चुके थे। लेकिन, उसे अभी तक कोई नौकरी नहीं मिल सकी थी।

एक दिन सुबह-सुबह राजू मेट्रो में बैठकर इंटरव्यू देने के लिए जा रहा था। मेट्रो ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी। राजू के पास एक लड़की आकर बैठ गई। राजू के हाथ में रिज्यूम देख लड़की ने कहा, हाय! ‘मेरा नाम मधू हैं’ क्या तुम जॉब की तलाश में हो? राजू ने कहा हाँ! लेकिन, आपको कैसे पता कि मैं जॉब की तलाश में हूँ।

मधू ने कहा, “आपके हाथ में रिज्यूम देखकर मैं समझ गई” खैर! कोई बात नहीं, मेरी कंपनी में एक वैकेंसी हैं। अगर तुम चाहो तो इंटरव्यू दे सकते हो। राजू ने कहा, “ठीक हैं! आज मैं xyz कंपनी में इंटरव्यू देने जा रहा हूँ। कल मैं आपके कंपनी में भी इंटरव्यू दे दूँगा।” मधू ने पूछा, “क्या तुम सच में xyz कंपनी में इंटरव्यू देने जा रहे हो। हाँ! मैं वही जा रहा हूँ,” राजू ने कहा।

इसी कंपनी में तो मैं काम करती हूँ, मधू ने कहा। चलो तुम मेरे साथ चलो, मैं तुम्हें कंपनी तक ले चलती हूँ। दोनों बातचीत करते हुए कंपनी में पहुँच गए। राजू का इंटरव्यू हुआ। उसका सिलेक्शन मधू के डिपार्टमेंट में हो जाता हैं। मधू राजू को अपने डिपार्टमेंट में देखकर खुश हो गई। वह राजू को कंपनी के बारें में बहुत कुछ बतायी।

लंच हुआ, मधू ने राजू से पूछा चलो लंच करते हैं। राजू ने कहा, “मैं लंच नहीं लाया हूँ। मैं बाहर किसी ढाबे पर खा कर आता हूँ। मधू ने कहा, “चलो मेरे साथ लंच कर लो फिर दोनों कुछ खाने बाहर चलेंगे।” धीरे-धीरे दोनों में बहुत गहरी दोस्ती हो गई। दीपावली के एक दिन पहले कंपनी ने किसी होटल में एक पार्टी का आयोजन किया। प्रोग्राम समाप्त होने में अधिक समय लग गया।

रात अधिक होने के कारण मेट्रो बंद हो चुकी थी। दोनों ने एक कैब से अपने घर के लिए निकल गए। राजू का रूम मधू के रूम से दूर था। मधू ने राजू से कहा, “रात अधिक हो चुकी हैं। तुम चाहो तो मेरे रूम पर चल सकते हो। मैं अकले रहती हूँ, वहाँ पर किसी बात की दिक्कत नहीं होगी।” राजू ने उस रात मधू के रूम पर बिताया।

राजू और मधू दोनों एक दूसरे को प्यार करते थे। इस बात की खबर ‘अमन’ को पता चल गई। एक दिन मधू और राजू ऑफिस के बाहर घूम रहे थे कि अमन सामने से बाइक लेकर आया। उसने मधू का हाथ पकड़कर राजू से बोला, “तुम मेरे और मधू के बीच में मत आओ, वरना! ठीक नहीं होगा।”

राजू कुछ समझ नहीं पाया उसने कहा, तुम कौन हो मधू का हाथ क्यों पकड़े? मधू ने राजू को समझाते हुए कहा, “अभी चलो सब कुछ बताती हूँ। उस दिन मधू ने जिद्द करके राजू को फिर से अपने रूम पर ले गई। उसने राजू से कहा, “आज जो लड़का मेरा हाथ पकड़ा था। उसका नाम अमन हैं। वह मुझसे दोस्ती करना चाहता हैं। लेकिन, मैं उसे चाहती नहीं हूँ। फिर भी वह मेरे पीछे पड़ा हैं। उसके साथ मेरा कोई संबंध नहीं हैं।

इतना कहते ही मधू राजू को पकड़कर रोने लगी। राजू ने उसे चुप कराते हुए कहा, घबराओ मत सब ठीक हो जाएगा। “मधू राजू से पूछती हैं, क्या! तुम मेरे लाइफ पार्टनर बनोगे? राजू को भी मधू पसंद थी, उसने हाँ, कर दिया। अगले दिन दोनों ने कोर्टमैरेज कर लिया। अमन से छुटकारा पाने के लिए पुलिस में रिपोर्ट भी कर दिया। इस तरह से मधू और राजू दोनों दोस्ती को जीवनसाथी के रूप में बदल दिया।

2. कोमल और विजय की अधूरी लव स्टोरी:

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कोमल और विजय का रिश्ता तय हो चुका था। दोनों एक शादी के पवित्र बंधन में बाँधने वाले थे। दोनों ने अपने लव को अरेंज मैरेज में बदलने जा रहे थे। कोमल और विजय एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते थे। दोनों इस शादी के लिए बहुत मुश्किल से अपने घर वालों को राजी कर पाए थे। दोनों की प्रेम कहानी अमेरिका के एक कॉलेज से हुई थी। दोनों का परिवार बहुत धनवान था।

विजय अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी माँ चाहती थी कि उसका बेटा किसी ऐसी लड़की से शादी करे जो घर परिवार को भी समझ सके। इसलिए, विजय और कोमल के रिश्ते से वह खुश नहीं थी। विजय की माँ को लगता था कि शादी के बाद कोमल हमेशा विजय के साथ ही रहेगी और जॉब भी करेगी।

विजय बहुत ही अमीर घर का लड़का था। जिसे पैसों की कोई कमी नहीं थी। इसलिए, उसकी माँ चाहती थी कि विजय इंडिया में ही कुछ करें। जिससे उसके पिता के बनाए बिजनेस को चला सके। शादी की तारीख नजदीक आ रही थी। लेकिन, कोमल सिर्फ विजय से ही बात करती थी। और किसी से बात नहीं करती थी।

इस बात का दुख विजय की माँ को होने लगा। एक दिन विजय की माँ दुखी मन से घर में बैठी थी। ऐसे बैठे देख विजय के पिता ने पूछा, “क्या हुआ तुम्हें तुम निराश लग रही हो। विजय की माँ ने अपने मन की बात बता दी। विजय के पिता ने सोच अगर इसी तरह से चलता रहा तो हमारे घर में क्लेश बढ़ जाएगा।”

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उन्होंने सोचा इस शादी को कैसे तोड़ा जाए। विजय के पिता कोमल के पिता से बात करते हुए दहेज की बात करते हैं। जोकि, कोमल के पिता की हैसियत से कई गुना अधिक था। इसलिए, उन्होंने मना कर दिया कि हम अपनी लड़की का रिश्ता आपके घर पर नहीं कर सकते। आप लोग लोभी हो। कोमल के पिता ने अपनी बेटी से कहा, “तुम विजय को भूल जाओ। क्योंकि, तुम्हारी शादी अब विजय के साथ नहीं किसी और के साथ होगी।”

इस बात की खबर से विजय और कोमल दोनों एक दूसरे से बातचीत करना बंद कर दिए। विजय की माँ ने अपने बेटे को समझाते हुए कहती हैं, “बेटा! हमें बहु ऐसी चाहिए जो हमारे घर परिवार के संस्कार को समझ सके न की हमें माडर्न बहु चाहिए।” इस तरह से विजय और कोमल की शादी टूट जाती हैं। दोनों की लव स्टोरी अधूरी ही रह जाती हैं।

3. अभय और मालती की प्रेम कहानी:

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अभय और मालती बहुत अच्छे कॉलेज फ्रेंड थे। दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे। उन दोनों की दोस्ती की खबर उनके सभी दोस्तों को थी। दोनों एक साथ लिविंग रिलेशन में रहते थे। एक बार अभय मालती को अपने घर ले गया। वह अपने आस-पास के लोगों को बताया कि इसका नाम मालती हैं। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं।

मालती कुछ दिन अभय के साथ उसके घर पर रही। जिससे उसके घर वालों को लगने लगा कि ये दोनों रिलेशन में हैं। एक दिन मालती की तबीयत खराब हो गई। जिसके कारण उसे उल्टियाँ आने लगी। अभय ने मालती को हास्पिटल ले गया। डॉक्टरों ने कहा- “मालती माँ बनने वाली हैं।” इस बात की खबर अभय के माता-पिता को चल गई।

अभय के माता-पिता सोचने लगे कि हम परिवार और समाज में कौन सा मुँह दिखाएंगे। यह सोचकर अभय के माता-पिता परेशान रहने लगे। वे दोनों अपने बेटे को समझाते हुए कहा, “बेटा! मालती के पेट में पल रहे बच्चे को निष्क्रिय करवा दो। हम बिना शादी के बच्चा नहीं चाहते हैं।” अभय ने अपने माता-पिता को समझाते हुए कहा, “हम ऐसा नहीं कर सकते। हम दोनों इस बच्चे को जन्म देंगे।”

हम दोनों शादी करना चाहते हैं। क्योंकि, हम एक दूसरे से प्यार करते हैं। अभय ने अपने माता-पिता को शादी के लिए राजी कर लिया। मालती हास्पिटल से ठीक होकर बाहर आ गई। उसके घर वालों को पहले से पता था कि मालती अभय के साथ रिलेशन में हैं। क्योंकि, अभय मालती के घर कई बार जा चुका था। अभय और मालती की सहमति से दोनों परिवार के लोग इस शादी के लिए हाँ कर दिए।

अभय मालती के घर पर बारात लेकर गया। दोनों की शादी बहुत ही धूमधाम से होती हैं। मालती ने शादी के दूसरे महीने में जुड़वा बच्चे को जन्म दिया। अभय के घर इस जश्न को धूमधाम से मनाया गया। इस तरह से अभय और मालती ने कई विषम परिस्थितियों में एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने दोस्ती को जीवन-साथी के रूप में बदल दिया।

4. प्यार का चुनाव – दीपक रोहित और मेघा की प्रेम कहानी:

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मेघा सक्सेना जी की इकलौती बेटी थी। सक्सेना जी एक बडे अधिकारी थे। मेघा का पलान-पोषण बहुत ही अच्छे ढंग से हुआ था। मेघा सुंदर और बुद्धिमान थी। जिसके कारण लोग उसे बहुत पसंद करते थे। मेघा स्कूल जाना शुरू कर चुकी थी। उसकी स्कूली शिक्षा बहुत अच्छे से चल रही थी। क्योंकि, उसकी पढ़ाई में उसकी माँ मदद करती थी। मेघा हर साल अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करती थी।

इस तरह से मेघा ने स्कूली शिक्षा पूरी कर कॉलेज में दाखिला लिया। अब मेघा लगभग अठारह वर्ष की होने वाली थी। मेघा की दोस्ती कॉलेज में दीपक और रोहित के साथ हो गई। तीनों बहुत अच्छे दोस्त बन चुके थे। क्योंकि, तीनों पढ़ने में बहुत अच्छे थे। तीनों कॉलेज में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहते थे।

एक समय बाद दीपक और रोहित को लगने लगा मेघा मुझसे ज्यादा प्यार करती हैं। अब दोनों अलग-अलग मेघा के साथ रहना चाहते थे। रोहित मेघा को दिल से चाहता था। वह उसके लिया कुछ भी करने को तैयार था। जबकि, दीपक मेघा के पापा की धन-दौलत का यूज करना चाहता था। इस बात की खबर मेघा को नहीं थी।

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एक दिन सक्सेना जी के घर पर मेघा को देखने के लिए लड़के वाले आए। जब मेघा को पता चला कि उसे देखने के लिए लड़के वाले आए हैं तो उसने अपनी माँ से शादी मना करने के लिए कही। लेकिन, लड़का अमीर और ऊँचे खान-दान से होने के कारण उसके माता-पिता इस रिश्ते को हाँ कर लेते हैं। लड़के को भी मेघा पसंद आ जाती हैं।

अगले दिन कॉलेज में मेघा बहुत उदास थी। रोहित ने पूछा, “मेघा क्या बात हैं, तुम आज इतनी उदास क्यों हो?” मेघा ने बीते दिन घर पर हुए सारी बातों को बता देती हैं। इस बात को सुनकर रोहित को बहुत आश्चर्य होता हैं। क्योंकि, रोहित मेघा को दिल से चाहने लगा था। जिसके लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार था।

मेघा की आँखों में आँसू देख रोहित ने उसे अपने गले से लगा लिया। रोहित ने कहा, “मेघा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ” आज मेरी तबीयत ठीक नहीं थी। फिर भी मैं तुमसे मिलने के लिए कॉलेज आया हूँ। क्योंकि, बिना तुम्हें देखे मुझसे रहा नहीं जाता। मेघा ने कहा, “यही बात मैं तुमसे कई दिनों से कहने के लिए सोच रही थी। लेकिन, मैं कह नहीं सकी।”

मेघा ने कहा, “रोहित क्या तुम मेरे हमसफ़र बनोगे?” इतना सुनते ही रोहित सुन्न पड़ गया। उसकी आँखों में खुशी के आँसू भर आए। रोहित मेघा से कहा, “मेघा! मैं तुम्हारा साथ सातों जन्म तक रहने के लिए तैयार हूँ।” मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता। दोनों को गले लगे देख, दीपक वहाँ आ पहुँचा। उसने कहा, क्या बात हैं तुम दोनों रोते हुए गले रहे हो?

दोनों ने कहा हम दोनों अपनी दोस्ती को हमसफ़र के रूप में बदल चुके हैं। इतना सुनते ही दीपक मेघा से कहा, “मेघा, मैं तुमसे प्यार करता हूँ” मैं तुमसे शादी भी करना चाहता हूँ। मेघा ने कहा, मुझे अपने प्यार की पहचान हैं। तुम मेरे लिए एक दोस्त हो। मैंने अपना जीवनसाथी चुन लिया हैं। इस बात को सुनकर दीपक मेघा के रास्ते से हट गया।

लेकिन, मेघा और रोहित के लिए सबसे बड़ी समस्या थी कि इस रिश्ते के लिए वह अपने परिवार वालों को कैसे राजी करें? मेघा ने उस लड़के का मोबाइल नंबर खोज निकाला। जोकि, कुछ दिन पहले रिश्ता लेकर मेघा के घर आया था। मेघा ने उस लड़के से बात करके बता दिया कि मैं किसी और के साथ रिलेशन में हूँ। मेरे घर वाले यह शादी जबरदस्ती करना चाहते हैं। मैं तुम्हारे साथ शादी नहीं करना चाहती।

इस बात को लड़के ने अपने माता-पिता को बता दिया। जिससे उसका रिश्ता टूट गया। सक्सेना जी मेघा से जानना चाहते थे कि वह लड़का कौन हैं। जिसे उनकी लड़की प्यार करती हैं। किसी तरह से सक्सेना जी ने रोहित के बारे में पता लगा लिया।

रोहित बहुत ही काबिल और बुद्धिमान लड़का था। लेकिन, उसकी परीक्षा लेने के लिए सक्सेना जी ने कई तरह की चाल चले। लेकिन, वह हर मुश्किल का सामना बहुत आसानी से कर लिया।

इस तरह रोहित और मेघा की शादी के लिए सक्सेना जी का परिवार भी तैयार हो जाता हैं। दोनों जीवन के एक नए डगर पर चलकर जिंदगी की एक नई कहानी लिख दी।

5. Romantic Story – विभा और अभिषेक का मिलन:

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विभा अपने माता-पिता के साथ मुंबई में रहती थी। वह फैशन डिजाइनर का काम करती थी। जिसके लिए उसे अच्छी सैलरी मिलती थी। विभा और उसके माता-पिता एक शादी में शामिल होने के लिए गाँव जाने के लिए ट्रेन लिए। विभा के माता-पिता की नीचे की दोनों सीट थी। जबकि विभा की सीट सबसे ऊपर की थी। उसके सामने कोई नहीं था।

रात हो चुकी थी सभी ने खान-पीना खाया और अपनी-अपनी सीट पर लेट गए। ट्रेन अगले स्टेशन पर रुकी। अभिषेक ट्रेन में चढ़ा, उसकी सीट विभा के सीट के सामने वाली थी। उसने विभा से पूछा, क्या यह A1 कोच हैं? विभा ने कहा, जी हाँ! आपकी सीट कौन सी हैं। अभिषेक ने अपना सीट नंबर बताया तो विभा ने अपनी सीट के सामने हाथ दिखती हुई बोली, ‘यह सीट आपकी हैं।’

अभिषेक विभा को देखकर मुस्कुराते हुए थैंक्स कहा। और अपनी सीट पर जाकर बैठ गया। कुछ समय बाद अभिषेक वॉशरूम से हाथ धुलकर आया और अपनी बैग से खाना निकलकर खाना चाहा। उसे खाना निकालते हुए विभा काफी देर से देखे जा रही थी। अभिषेक ने इशारे से विभा को खाना खाने के लिए पूछा। विभा ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह खाना खा चुकी हैं। और वह फोन देखने लगी।

अभिषेक एक बहुत अच्छा इंजीनियर था। वह भी अपने गाँव किसी की शादी शामिल होने के लिए जा रहा था। उसकी पर्सनैलिटी बहुत ही आकर्षित थी। इसलिए, विभा उसे बार-बार देखे जा रही थी। विभा अभिषेक से बात करना चाहती थी। लेकिन, अभिषेक खाना खाने के बाद लाइट बंदकर के सोने लगा।

विभा वॉशरूम जाने के बहाने लाइट को ऑन कर दिया। जिसके कारण अभिषेक की नीद खुल गई। वह सोचने लगा कि विभा वॉशरूम से आकर लाइट बंद कर देगी। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया। अभिषेक ने जैसे ही विभा से लाइट बंद करने के लिए बोलना चाहा। विभा बोल उठी क्यों, नीद नहीं आ रही क्या?

अभिषेक मुस्कुरा कर बोल जी नहीं। इस तरह से विभा अभिषेक से बात करना शुरू कर दी। धीरे-धीरे विभा ने अभिषेक के बारें में बहुत कुछ पूछ लिया। वह यह कहते हुए अभिषेक से उसका मोबाइल नंबर मांग ली कि अगर की कंपनी में वैकेंसी हो तो मेरे छोटे भाई के लिए जरूर बताना। वह अपनी कंपनी बदलना चाहता हैं।

विभा पूरी रात अभिषेक से बात करती रही। दोनों गाँव से वापस आने के बाद विभा और अभिषेक किसी रेस्टोरेंट में मिले। विभा ने अभिषेक को प्रपोज करते हुए कहा। मुझे आप से पहली नजर में ट्रेन में प्यार हो गया। मैं आपको बहुत चाहती हूँ। अभिषेक ने कहा, “मुझे समझ आ गया था कि ट्रेन में तुम लाइट क्यों नहीं बंद की थी। इतना कहकर दोनों हँसने लगे। विभा अभिषेक को पकड़कर उसके सीने से लग गई।

अभिषेक ने विभा के बालों पर हाँथ फेरते हुए। उसके सिर को चूमा। दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया था। दोनों कंपनी से निकलने के बाद एक दूसरे से अक्सर मिलते थे। अभिषेक और विभा को घूमने का बहुत शौक था। दोनों अक्सर हिल स्टेशन घूमने जाते थे। दोनों ने काफी लंबे समय तक अकेले मिलते रहे। फिर दोनों ने मन बना लिया की इस प्यार को एक नया नाम दें। दोनों ने बिना किसी से बताए शादी कर ली।

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