प्रेम कहानियाँ दो दिलों का मिलन होता हैं। जोकि एक दूसरे से बेपनाह प्यार करते हैं। कभी-कभी परिस्थतियाँ बदल जाती हैं। जिससे दोनों प्रेमी बिछड़ जाते हैं। लेकिन, एक दूसरे के साथ बिताए गए पल को कभी भुला नहीं पाते हैं। यहाँ तक की कुछ प्रेमी-प्रेमिका बिछड़ने का दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाते। जिसके लिए वें अपने जीवन को समाप्त करने की ओर बढ़ जाते हैं। जोकि, बिल्कुल गलत फैसला होता हैं। कहानीज़ोन के इस लेख में आज हम 5 love story in hindi में देखेंगे जोकि इस प्रकार से हैं:
1. Romantic Story – पहला प्यार:

रहमतपुर गाँव में रोहन नाम का एक लड़का रहता था। वह दसवीं कक्षा में पढ़ता था। उसके पिता दूध बेचने का काम करते थे। रोहन भी समय निकाल कर अपने पापा के काम में हाथ बँटाता था। जैसे, गाय भैंस को नहलाना, चारा डालना और दूध निकालना आदि। रोहन घर के काम के साथ-साथ पढ़ाई में भी अधिक ध्यान देता था। जिसके कारण वह हर वर्ष अपनी कक्षा में प्रथम स्थान हासिल करता था।
दसवीं बोर्ड की परीक्षा हुई, जिसमें रोहन ने पूरे स्कूल में पहला स्थान प्राप्त किया। स्कूल में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। रोहन को फूल-माला का हार पहना कर उसे मेडल दिया गया। सभी बच्चों ने स्टेज के सामने बैठकर रोहन के लिए तालियां बजाकर उसका हौसला बढ़ाया। समारोह समाप्त हुआ सभी बच्चे अपने-अपने घर को चले गये।
रोहन अपना बैग लेने के लिए क्लास रूम में जाकर देखता हैं कि एक लड़की जिसका नाम मीनू हैं वह टेबल पर अपना सिर झुकाकर रो रही थी। उस रूम में कोई और नहीं था। रोहन ने मीनू के पास जाकर पूछा, “तुम क्यों रो रही हो? सभी बच्चे अपने-अपने घर जा चुके हैं। तुम भी अपने घर जाओ।
मीनू बहुत ही सुंदर और बुद्धिमान लड़की थी। उसने रोहन से रोते हुए कहा- “मैंने इस बार पढ़ाई में बहुत मेहनत की थी। लेकिन, मैं स्कूल में प्रथम स्थान हासिल नहीं कर सकी। मैंने अपने माता-पिता से वादा किया था कि इस बार जरूर मैं प्रथम आऊँगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब मैं अपने माता-पिता के सामने कैसे जाऊँ।
रोहन ने कहा, “अच्छा तो ये बात हैं, तुम इसलिए रो रही हो।” मीनू को हौसला देने के लिए रोहन ने पूँछा, “क्या मैं तुम्हें दोस्त कह सकता हूँ? मीनू ने सिसकते हुए कहा, ‘जी हाँ’। रोहन ने मीनू के आँसू पोंछते हुए कहा, दोस्त! जब रेस होती हैं तो उस रेस में बहुत सारे लोग भाग लेते हैं। लेकिन, विजय किसी एक की होती हैं।” ठीक इसी प्रकार हम सभी पूरे साल मेहनत करते हैं। लेकिन, परीक्षा में किसी एक को ही प्रथम स्थान प्राप्त होता हैं।
इस बार अपनी कमियों को ध्यान में रखकर पढ़ाई करो, मुझे पूरा विश्वास हैं कि तुम प्रथम स्थान जरूर प्राप्त करोगी। रोहन की बातें सुनकर मीनू के अंदर एक नई चेतना सी जग गई। वह दोनों हाथों से रोहन को पकड़कर उसके गले लग कर तेज-तेज रोने लगी। रोहन ने भी अपने दोनों हाथों से मीनू को पकड़ कर गले से लगा लिया। इस तरह से दोनों कुछ मिनट तक एक दूसरे के गले लगे रहे।
रोहन ने फिर से उसकी आँखों का आँसू पोंछते हुए कहा- ‘चले! अब घर?’ मीनू ने हल्की सी मुस्कान और इशारे से हाँ! कहा। रोहन उसके चहरे को देख, उसके अंदर मीनू के लिए प्यार उमड़ पड़ा। रोहन मीनू को उसके घर पर छोड़कर अपने घर को चला गया। घर जाकर रोहन और मीनू पूरी रात सो नहीं सके। दोनों के सामने एक दूसरे के चेहरे ही दिख रहे थे।
इस तरह से अब दोनों के बीच बेपनाह प्यार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था। दोनों एक साथ रहने लगे थे। रोहन पढ़ाई में मीनू की मदद भी करता था। अब दोनों की स्कूल की पढ़ाई पूरी हो गई। मीनू अमीर घर से थी। मीनू के पिता ने उसकी आगे की पढ़ाई के लिए शहर के महंगे कालेज में दाखिला दिलवा दिया। लेकिन, उस कालेज की फीस अधिक होने के कारण रोहन उस कालेज में दाखिला नहीं ले सका।
उसने किसी और कालेज में दाखिला ले लिया, अब दोनों मिल नहीं पाते थे। समय बदला रोहन के पिता की मृत्यु हो गई। अब रोहन का घर चलाना मुश्किल हो गया। रोहन अपने घर को चलाने के लिए अपने पिता की तरह घर-घर जाकर दूध बेचने लगा। एक दिन रोहन, सक्सेना साहब के घर पर दूध लेकर गया। सक्सेना एक बडे अधिकारी थे। रोहन ने दरवाजे की घंटी बजाई। अंदर से आवाज आई, कौन? रोहन ने कहा, ‘दूधवाला’।
सक्सेना साहब की लड़की एक बर्तन लिए घर से बाहर आई। उसने रोहन को ऊपर से नीचे तक देखा। रोहन उस लड़की को दूध देकर चला गया। अगले दिन फिर रोहन दूध लेकर आया उस दिन सक्सेना साहब के घर पर कोई नहीं था। रोहन ने दरवाजे की घंटी बजाई, जैसे ही रोहन ने कहा, दूधवाला! कमरे में से आवाज आई, अंदर आ जाओ।
रोहन डरते हुए दूध लेकर अंदर जाकर देखा कि सक्सेना साहब की लड़की एक बर्तन लेकर खड़ी थी। उसने रोहन को सोफ़े पर बैठने के लिए कहा। रोहन ने मना किया। लेकिन, फिर भी वह रोहन को सोफ़े पर बैठाकर बहुत सारी बातें करने लगी। रोहन को धीरे-धीरे समझ में आने लगा कि सक्सेना साहब की लड़की को कही मुझसे प्यार तो नहीं हो गया? वह मुझसे ज्यादा बाते क्यों कर रही हैं।
रोहन जब भी सक्सेना साहब के घर दूध देने जाता वह लड़की उसे पैसे भी अधिक देने लगी। और उसे अच्छी-अच्छी चीजे भी खाने को देने लगी। लेकिन, रोहन का लगाव उस लड़की के प्रति बिल्कुल नहीं था। एक दिन लड़की ने रोहन को अपना नाम ‘मधू’ बताते हुए अपने प्यार का इजहार कर दिया। वह रोहन को अपने गले लगाकर बोली “मैं आप से बहुत प्यार करती हूँ” मैं आप से शादी करना चाहती हूँ।
रोहन ने कहा, ‘लेकिन, मैं बहुत गरीब इंसान हूँ। मेरे पास कुछ नहीं हैं, मैं आप से शादी करने के लायक नहीं हूँ।’ आप किसी अमीर घर के लड़के के साथ शादी कर लो। उसकी बाते सुनकर उसने रोहन के मुँह पर अपना हाथ रखकर चुप कराते हुए बोली, “तुम्हारे मुँह से ऐसी बातें अच्छी नहीं लगती। अब दुबारा ऐसी बातें कभी मत कहना।”
रोहन ने अपने पहले प्यार के बारें में बताना चाहा। लेकिन, मधू ने दुबारा से यह कहते हुए उसका मुँह बंदकर दिया कि मुझे अब आप से कुछ नहीं सुनना। मैं आप से शादी करूंगी। रोहन अपने घर आकर सोचने लगा कि मधू से पीछा कैसे छुड़ाए। अब रोहन को उसे अपने पहले प्यार मीनू की याद आने लगी।
रोहन को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? एक दिन रोहन मीनू के कॉलेज में जा पहुँचा। दोपहर की छुट्टी हुई थी, स्कूल के मैदान में एक पेड़ की छाया में मीनू और उसकी दोस्त बैठकर हँसी-मजाक कर रही थी। तभी मीनू की निगाह उसकी तरफ आते रोहन पर पड़ी मीनू तेजी से दौड़कर रोहन के गले से लग गई।
मीनू और रोहन दोनों स्कूल के सामने एक रेस्टोरेंट में बैठकर बातचीत करने लगे। रोहन ने मीनू से पूँछा क्या तुम आज भी अकेली हो या फिर कोई …दोस्त बना ली। मीनू, रोहन को गुस्से से भरी आँख से घूरते हुए बोली हाँ! बनाया हैं, वह मेरे सामने बैठा हैं। दोनों एक दूसरे को देखकर जोर-जोर से हँसने लगे।
उसी दिन दोनों ने यह निश्चय किया कि दोनों एक दूसरे से शादी करेंगे। कुछ दिन बाद दोनों ने अपने पहले प्यार के साथ शादी कर ली और दोनों खुशी-खुशी जीवन बीताने लगे।
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2. Love Story – राजीव और सरिता की प्रेम कहानी:

शॉपिंग मॉल में सरिता अपने लिए कुछ सामान खरीद रही थी। जहाँ उसकी मुलाकात राजीव से हुई। दोनों की नजर एक दूसरे पर पड़ी तो दोनों एक दूसरे को देखते ही रह गए। सरिता राजीव को देखकर हल्की सी मुस्कुराई राजीव भी उसे देखकर मुस्कुराया। राजीव ने बड़ी हिम्मत करके सरिता के पास जाकर कहा, “शायद हम दोनों कही मिले हैं? सरिता बोली, मुझे भी ऐसा लग रहा हैं कि हम कहीं पहले मिल चुके हैं।
इस तरह से दोनों खड़े होकर बात करने लगे। बातें करते-करते राजीव ने कहा, “हम ऐसे खड़े होकर कब तक बातें करते रहेंगे” चलो किसी रेस्टोरेंट में बैठकर बातें करते हैं। दोनों एक रेस्टोरेंट में जाते हैं। वहाँ पर घंटों बातचीत करते-करते एक दूसरे का फोन नंबर ले लेते हैं। इस तरह से अब दोनों के बीच प्रेम कहानी शुरू हो गई।
राजीव के पिता एक बड़े व्यापारी थे। जबकि, सरिता के पिता एक गरीब लोहार थे। राजीव के लिए बडे-बडे घरों से शादी के लिए रिश्ते आने लगे। जिसे राजीव मना किये जा रहा था। धीरे-धीरे इस बात की खबर राजीव के माता-पिता को चल गई कि राजीव किसी के साथ रिलेशन में हैं। उसके माता-पिता ने यह पता लगा लिया कि उसका बेटा एक गरीब लोहार की बेटी के प्यार में पड़ा हैं।
राजीव के माता-पिता उसे खूब समझाए कि वह सरिता से बात करना बंद कर दे। उसे सरिता से भी अच्छी लड़की मिलेगी। लेकिन, राजीव अपने माता-पिता की बातों को नहीं मान रहा था। एक दिन राजीव के माता-पिता सरिता के घर पहुंचे। उस दिन सरिता घर पर अकेली थी। सरिता ने घर का दरवाजा खोला तो देखा राजीव के माता-पिता खड़े थे।
लेकिन, सरिता को यह पता नहीं था कि वे राजीव के माता-पिता हैं। सरिता ने कहा, “जी कहिए! मैं आपकी क्या सेवा कर सकती हूँ। राजीव के पिता ने कहा मुझे आपके पिता जी से बात करनी हैं, उन्हें बुलाओ। सरिता ने बहुत ही नम्र भाव से कहा, मेरे पापा बाजार गए हैं। कृपया आप बैठिए! अभी आते होंगे।”
सरिता ने दो कुर्सी देकर बैठने के लिए कहा, “सरिता के पिता को आने में समय लग रहा था। सरिता ने राजीव के माता-पिता को चाय-नाश्ता करवा दिया।” तभी सरिता के पिता बाजार से वापस आ गए। राजीव के पिता ने अपने बेटे और उनकी बेटी के प्रेम प्रसंग के बारें में बताते हुए कहा, “आप अपनी बेटी को मेरे बेटे से बात करने से मना कर दो, क्योंकि मुझे यह रिश्ता पसंद नहीं हैं।
मैं अपने बेटे की ऊँचे खानदान में शादी करना चाहता हूँ। सरिता के पिता ने राजीव के पिता से कहा, “साहब! आज से मेरी बेटी आपके बेटे से बात नहीं करेगी। मैं आपको वचन देता हूँ”। राजीव के माता-पिता चले गए। सरिता के पिता ने अपनी बेटी को खूब समझाया। उस दिन से सरिता ने राजीव से बात करना बंद कर दिया।
राजीव की सरिता से बात न हो पाने से वह परेशान रहने लगा। अब राजीव ने घर का खाना-पीना सब छोड़ दिया। इस बात की खबर उसके माता-पिता को चल गई। एक दिन राजीव की तबीयत बहुत खराब हो गई। जिसके कारण राजीव को किसी बड़े अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। अस्पताल में उसकी हालत बुरी देख उसके माता-पिता ने निर्णय लिया कि हम सरिता के पिता से उनकी बेटी का हाथ माँगेंगे।
राजीव के माता-पिता ने सरिता के घर पहुंचकर सारी घटना सुनाते हुए कहा, “मेरे बेटे की जिंदगी आपकी बेटी के हाथ में हैं। कृपया, अपनी बेटी का हाथ मेरे बेटे के हाथ में दे दीजिए। सरिता के पिता ने अपनी बेटी से बातचीत करने के बाद फैसला लिया कि राजीव और सरिता की शादी कर दी जाए। उधर अस्पताल में राजीव को होश आने के बाद सरिता…सरिता का नाम लिए जा रहा था।
राजीव ने जैसे ही अपनी आँखें खोली, उसने देखा की उसके सामने सरिता खड़ी थी। वह सरिता को अपने गले लगाने के लिए अपने दोनों हाथों को फैलाया। सरिता जाकर राजीव के गले लग गई। यह सब देख राजीव और सरिता के माता-पिता की आँखों में आँसू भर आए। इस तरह से सरिता और राजीव ने शादी करके एक नई जिंदगी जीना शुरू कर दिया।
3. Heart Touching Love Story – दिल के पास:

रमेश और गुड़िया की शादी तय हो गई थी। दोनों फोन पर आपस में घंटों-घंटों बातें करते रहते थे। बीच-बीच में दोनों का मिलना भी हो जाता था। दोनों परिवार और बच्चों के बीच अच्छे संबंध बनते जा रहे थे। दिसंबर में दोनों की शादी की तारीख निर्धारित थी।
अभी शादी के छह महीने बाकी थे। दोनों मिलकर प्री वेडिंग, पोस्ट वेडिंग, प्रेग्नेंसी फ़ोटोशूट से लेकर बच्चे तक सोच रखे थे। दोनों बहुत खुश थे। लेकिन होनी को कौन टाल सकता हैं।
एक दिन गुड़िया और रमेश किसी रेस्टोरेंट में मिले घंटों बातचीत करते-करते समय अधिक हो गया शाम हो चुकी थी। रमेश गुड़िया को घर भेजने के लिए सड़क पर आटो देख रहा था। लेकिन, संयोगवश आटो नहीं मिल पा रहा था। काफी देर बाद रमेश ने कहा, “चलो मैं बाइक से तुम्हें तुम्हारे घर के पास छोड़ दूँगा। फिर मैं वापस आ जाऊँगा।
रमेश और गुड़िया बाइक पर सवार होकर हँसते-बोलते जा रहे थे। तभी पीछे से एक ट्रक की बाइक से जोरदार टक्कर हो गई। दोनों बाइक से नीचे गिर गए। रमेश के पैर पर ट्रक चढ़ गई। गुड़िया को मामूली सी चोट आई। दोनों को हास्पिटल में भर्ती करवाया गया। डाक्टरों ने रमेश के बाएं पैर को काटने के लिए कहा। जिसके बदले में नकली पैर लगाया गया।
इस बात की खबर गुड़िया को हो गई। जिसके कारण उसका रो-रो कर बुरा हाल हो गया। वह पूरी तरह सदमें में चली गई। तीन महीने बाद रमेश ठीक होकर घर आया। वह भी बहुत चिंतित था। एक दिन उसने किसी जगह पर गुड़िया को मिलने के लिए बुलाया। दोनों एक दूसरे को देखकर गले लगकर बहुत रोए।
रमेश ने बहुत हिम्मत करके गुड़िया से कहा, “तुम अपने लिए कोई अच्छा सा लड़का ढूंढकर शादी कर लो, अब मैं तुम्हारे लायक नहीं रहा” इतना कहकर रमेश ने आँखों में आँसू लिए घर की तरफ जाना चाहा। गुड़िया ने उसे अपनी तरफ खींच कर गाल पर चाटा जड़ते हुए कहा, “आज के बाद तुम्हारी जुबान पर ऐसा शब्द आया तो ठीक नहीं होगा।”
रमेश और गुड़िया दोनों एक दूसरे को पकड़कर रोने लगे। गुड़िया ने कहा, “हमने जो राह चुनी हैं उस पर चलकर दुनिया को दिखाएंगे कि हम एक दूसरे से कितना प्यार करते हैं। हम दोनों एक दूसरे के दिल में रहते हैं। हमें इस दुनिया की कोई ताकत अलग नहीं कर सकती।
इस तरह से उसी तारीख पर दोनों ने शादी करके लोगों के लिए एक मिसाल पेश कर दी। और अपने बनाए सारे अरमान भी पूरे किये। दोनों हँसी खुशी जीवन जीने लगे।
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4. Online Love Story – राजू और नेहा की दिलचस्प प्रेम कहानी:

राजू और नेहा लगभग बीस साल की उम्र में थे। दोनों एक दूसरे को फ़ेसबुक के माध्यम से जानते थे। दोनों आमने-सामने कभी नहीं मिले थे। नेहा ने राजू की पोस्ट देखकर अनुमान लगा लिया था कि वह किस तरह का लड़का हैं। धीरे-धीरे दोनों को ऑनलाइन बातें करते हुए कई महीने बीत चुके थे। अब दोनों की फोन से भी बातें होने लगी थी।
लेकिन, सबसे बड़ी समस्या यह थी कि नेहा मुंबई में रहती थी। जबकि राजू बिहार में रहता था। दोनों का मिलना आसान नहीं था। राजू किसी लड़की से बात करता हैं। इस बात की खबर उसके बड़े भाई श्याम को पता चल गई। एक दिन श्याम ने राजू को अपने पास बैठाकर खूब समझाया कि इस तरह के रिश्ते में अक्सर धोखा मिलता हैं। इसलिए, तुम किसी ऐसी लड़की के चक्कर में मत फँसो, जिससे तुम्हारी जिंदगी बर्बाद हो जाए।
राजू ने नेहा से बात की कि ‘तुम मुझसे शादी करोगी’ नेहा ने जबाब दिया, “क्या हुआ? इतनी जल्दी इस तरह के फैसले लेना हम दोनों के लिए सही रहेगा?” राजू ने कहा, “अगर तुम हाँ कहती हो तो मैं तुम्हारे बारें में अपने घर पर बातचीत करू।” नेहा ने जब अपने घर में शादी की बात की, तो उसके घर के लोग इस शादी के लिए तैयार नहीं हुए। क्योंकि, यह रिश्ता दूर का था।
लेकिन, नेहा ने राजू को यह बात नहीं बताई कि दूर के कारण उसके घर वाले यह रिश्ता मानने को तैयार नहीं हो रहे। जबकि, राजू ने अपने घर के सभी लोगों को इस शादी के लिए हाँ करवा लिया था। एक दिन बातों-बातों में नेहा ने राजू से कहा,”मेरे घर वाले दूर के कारण शादी करने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।”
नेहा की बातों को सुनकर राजू को जोर का धक्का लगा। जिसके कारण राजू ने नेहा से बात करना छोड़ दिया। राजू ने रेलवे की नौकरी के लिए फार्म डाला था। जिसकी परीक्षा के लिए उसे प्रवेश पत्र मिला। राजू सबकुछ भूलकर परीक्षा की तैयारी में जुट गया। राजू की परीक्षा अच्छे से हुई। राजू को विश्वास था कि उसका चयन जरूर होगा।
कुछ महीनों बाद राजू को नौकरी के लिए बुलावा पत्र आया। राजू को नौकरी ज्वॉइन करने के लिए मुंबई जाना पड़ा। जहाँ पर उसे रहने के लिए सरकारी आवास मिला। राजू को नौकरी करते हुए कई महीने बीत चुके थे। एक दिन राजू के पास नेहा का फोन आया।
राजू ने नेहा से बात करते हुए उसके घर का पता पूछा। जोकि, राजू के सरकारी आवास से कुछ ही दूर था। राजू फोन पर बात करते हुए उसके घर के पास पहुंचकर किसी एक जगह पर नेहा को आने के लिए कहता हैं।
नेहा राजू को अपने सामने पाकर बहुत खुश हुई। राजू ने बिहार से लेकर मुंबई तक के सफर के बारे में नेहा से बताया। राजू ने नेहा से पूछा, “क्या, तुम मुझसे शादी करोगी?” नेहा ने कहा, मैं तो बिहार में भी शादी करने के लिए तैयार थी। अभी तो आप मेरे घर के पास हो। मुझे विश्वास हैं कि मेरे घर वाले हमारी शादी के लिए तैयार हो जाएंगे।
नेहा ने सारी बात अपने घर वालों को बतायी। सभी लोग इस शादी के लिए सहमत हो गए। राजू और नेहा की धूमधाम से शादी हुई। दोनों ने ऑनलाइन रिश्ते को ऑफलाइन में बदल दिया।
5. Emotional Hindi Story – अधूरी कहानी:

गर्मी का मौसम था गाँव में शादी विवाह का सीजन चल रहा था। राहुल अपने मामा के घर छुट्टियाँ मनाने गया हुआ था। मामा के घर पर एक निमंत्रण आया। राहुल और उसके मामा उस शादी में गए। बारात आई उसी बारात में मोनिका नाम की एक लड़की आई थी। जोकि राहुल को खूब पसंद आई। लेकिन, मोनिका ने राहुल के ऊपर कोई ध्यान नहीं दिया।
मोनिका ने रात को राहुल से थोड़ी बहुत कुछ बात कर ली। जिससे राहुल को लगने लगा कि मोनिका भी मुझे चाहती हैं। सुबह तक राहुल मोनिका को अपनी जिंदगी मानने लगा। उसने सोच लिया अगर वह शादी करेगा तो मोनिका से ही करेगा नहीं तो किसी से नहीं करेगा। बारात की विदाई हुई। मोनिक अपने घर चली गई।
राहुल अब उसके साथ अपना रिश्ता जोड़ने के लिए कई लोगों से सहारा लेने लगा। राहुल ने अपने मामा से मोनिका के लिए खुलकर बात रख दी। मामा ने मोनिका के बारें में पता करवाया कि उनका भांजा उससे शादी करना चाहता हैं। काफी पता करने के बाद राहुल को पता चला कि मोनिका शादी-शुदा हैं। उसकी शादी हुए कुछ ही दिन हुए हैं।
इस बात की जानकारी राहुल को पता चली तो उसे लगा की लोग उसके साथ मजाक कर रहे। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि मोनिका की शादी हो चुकी थी। लोगों के समझाने के बाद राहुल को लगने लगा कि लोग सही कह रहे हैं। अब राहुल को ऐहसास हो गया कि उसे एक तरफा लगाव हुआ था। इसलिए, राहुल को अब प्यार मोहब्बत की बातें करने वाले लोगों से नफरत होने लगी। क्योंकि उसकी कहानी अधूरी ही रह गई।