10 Very Small Story in Hindi with moral – सबसे छोटी नैतिक कहानियां

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कहनियाँ बच्चे का मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानवर्धन भी करती हैं। लेकिन, बच्चों को सुनाने वाली कहानी छोटी और नैतिक सीख के साथ हो तो बच्चे की समझ और जल्द विकसित होती हैं। इसलिए आज हम कहानीज़ोन के इस लेख में छोटे बच्चों के लिए 10 very small story in hindi with moral के साथ बता रहे हैं, जोकि निम्नलिखित प्रकार से हैं।

1. चिंता चिता के समान हैं:

एक किसान अपने खेतों में काम कर रहा था। अचानक उसके पैर में साँप ने काट लिया। जब उसकी नजर पैरों पर पड़ी तो उसने देखा कि उसके पैर के पास से एक चूहा भाग रहा था। किस्मत की बात थी कि वह साँप जहरीला नहीं था। किसान ने अपने पैर के घाव पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। कुछ दिन में वह घाव भर गया।

एक दिन फिर से वह खेत में काम कर रहा था। उस दिन उसके पैर में एक चूहे ने काट लिया। जब उसकी निगाह नीचे पड़ी तो उसने देखा कि उसके पैर के पास से एक साँप जा रहा था। अब उसे लगने लगा की उसे साँप ने काट लिया। उसने साँप काटने का इलाज शुरू करवाया। लेकिन, उसे किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिली। देखते-ही देखते वह कमजोर होता चला जा रहा था।

क्योंकि उसे चिंता हो गई थी कि उसे साँप ने काट लिया हैं। चिंता के कारण अब वह खाना-पीना भी छोड़ चुका था। इस तरह कुछ दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई।

नैतिक सीख:

वहम का कोई इलाज नहीं होता।

2. गिरने का डर:

किसी मैदान में कई सारे बच्चे फुटबाल खेल रहे थे। उसी मैदान के पास रोहित बैठकर वह खेल देख रहा था। वह भी फुटबाल खेलना चाहता था। लेकिन, वह बहुत डरा हुआ था। वह सोच रहा था कि अगर वह गिर गया तो उसे चोट लग जाएगी। जिसके कारण वह खेल में हिस्सा नहीं लेना चाहता था। वह और बच्चों को गिर कर गोल करते देखता, तो वह अपनी आँखें बंद कर लेता। उसे ऐसा लगता मानो उसे चोट लग गई।

उसे ऐसा करते देख कोच उसके पास आए और उसे समझा-बुझा कर फुटबाल खेलने के लिए राजी कर लिया। वह अपने पहले दिन के खेल को डर-डर कर खेल रहा था। धीरे-धीरे उसके खेल में निखार आता चला गया और उसका डर भी दिमाग से निकल गया। अब रोहित को इस खेल में मजा भी आने लगा था। इस तरह से आगे चलकर एक दिन वह बहुत बड़ा फुटबाल खिलाड़ी बना।

नैतिक सीख:

डटकर सामना करने वाला इंसान एक दिन अपना नाम रोशन करता हैं।

3. मुर्गों की योजना:

रामपुर एक छोटा और खुशहाल गाँव था। वहाँ पर लोग अपने-अपने काम के प्रति बहुत ही जिम्मेदार थे। उसी गाँव में झुरी नाम का एक धोबी रहता था। उसके पास कुछ मुर्गे और मुर्गियाँ थी। जोकि, सुबह-सुबह बांग लगाकर सबको उठाते थे। एक दिन गाँव के कुछ बच्चे झुरी के मुर्गे के बाड़े के पास खेल रहे थे। बच्चों ने मुर्गों और मुर्गियों को खूब परेशान कर दिया।

उस रात मुर्गे और मुर्गियों ने एक योजना बनाई कि आज से हम सुबह-सुबह बांग नहीं लगाएंगे। फिर देखते हैं ये गाँव वाले सुबह कैसे उठते हैं। अगली सुबह सभी मुर्गे और मुर्गियों ने बांग नहीं लगाई। जब वे सभी अपने बाड़े से बाहर आए तो उन्होंने देखा कि गाँव के सभी लोग उठ कर अपना-अपना काम कर रहे थे। उन्हे ऐहसास हो गया कि हमारे ऊपर कोई निर्भर नहीं हैं।

नैतिक सीख:

किसी एक के सहयोग न करने पर भी कोई काम नहीं रुकता।

और कहानी देखें: 5 Hindi Stories for Childrens – बच्चों के लिए हिंदी कहानियाँ

4. खुद को नई स्किल से अपडेट करें:

चुन्नू और मुन्नू नाम के दो कौवें थे। चुन्नू बुद्धिमान और होशियार था। जबकि, मुन्नू किसी की बातों का ज्यादा ध्यान नहीं देता था। फिर भी दोनों में बहुत गहरी दोस्ती थी। दोनों हमेशा भोजन की तलाश में एक साथ जाते थे। एक दिन दोनों आकाश में उड़ रहे थे। दोनों को बहुत ज्यादा प्यास लगी थी। लेकिन, उन्हें कोई नदी और तालाब नहीं दिख रहा था।

अचानक उन्हें एक कुएं पर दो घड़े दिखाई दिए। दोनों घड़ों में पानी नीचे था। चुन्नू और मुन्नू घड़े से पानी पीने का जतन करने लगे। मुन्नू पास पड़े एक-एक कंकड़ घड़े में डालने लगा। लेकिन, चुन्नू को लगा ऐसा करने में बहुत समय लग जाएगा। उसने अपना दिमाग चलाया और इधर-उधर उड़कर एक पाइप ले आया और उसे घड़े में डालकर पानी पी कर उड़ गया। जबकि, मुन्नू घड़े में एक-एक कंकड़ डालता रहा।

नैतिक सीख:

पुरानी सोच को बदलों कुछ नया करने की सोचो।

5. समय का महत्व:

कबीर नाम का एक लड़का था। जोकि, बहुत ही मतलबी और स्वार्थी था। वह प्रतिदिन स्कूल जाने के लिए अपने घर से निकलता तो जरुर था। लेकिन, वह अपने स्कूल न जाकर अन्य शरारती बच्चों के साथ पार्क में खेलता रहता था। जब स्कूल की छुट्टी होती तो वह भी अपना बैग लेकर घर चला जाता था।

एक दिन वह अपने दोस्त मोहित से मिला और वह स्कूल में करवाए गए कक्षाकार्य की कॉपी माँगने लगा। मोहित ने यह कहते हुए मना कर दिया कि तुम स्कूल नहीं आते हो, मैं तुम्हें अपनी कॉपी नहीं दे सकता। कबीर मोहित के सामने रोने लगा। मोहित को दया आई उसने अपनी कॉपी दो दिन के लिए दे दी।

लेकिन, दो दिन में कबीर ने उसकी कॉपी से कुछ भी नहीं लिखा। तीसरे दिन मोहित ने अपनी कॉपी कबीर से वापस ले ली। परीक्षा शुरू होती हैं, कबीर को कुछ समझ नहीं आता कि वह प्रश्न का जबाब कैसे दे। परीक्षा परिणाम घोषित हुआ जिसमे वह फेल हो गया। शर्म के कारण अब वह अपने गली मोहल्ले में भी नहीं निकलता था। अब उसे पछताने के सिवाय कुछ नहीं मिला।

नैतिक सीख:

गया समय फिर हाथ न आए।

6. अंजान व्यक्ति पर भरोसा:

एक लोमड़ी कई दिनों से भूखी थी। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि खाने का इंतजाम कहाँ से किया जाए। उसे प्यास भी लग रही थी। उसने सोचा चलो नदी से पानी पीकर ही प्यास बुझा ली जाए। वह नदी पहुंचकर पानी पी रही थी तभी उसने नदी में एक मुलायम बगुला देखा। उसके मुँह से लार टपकने लगी।

उसने अपना दिमाग लगाया, एक लकड़ी का टुकड़ा अपने गले के अंदर डालकर बगुले की तरफ गई। उसने रोते हुए बगुले से कहा- “बगुला दोस्त मेरे गले में हड्डी फँस गई हैं कृपया अपनी लंबी चोंच से हड्डी निकाल देते तो बड़ी मेहरबानी होती। बगुला कहता हैं- “तुम्हारा क्या भरोसा मेरी गर्दन अपने मुँह में देख दबोच लिया तो?”

लोमड़ी रोते हुए कहती हैं “नहीं दोस्त, मैंंने आपको अपना दोस्त कहा हैं। मैं ऐसा नहीं कर सकती”। बगुला उसकी बातों में आ गया। उसने उसके मुँह में जैसे ही अपनी चोंच डाली, लोमड़ी ने बगुले को धर दबोचा और उसे मारकर खा गई।

नैतिक सीख:

किसी अंजान व्यक्ति पर विश्वास करना खतरे से खाली नहीं होता।

7. पानी का मूल्य:

रामू अपने घर पर पानी की बर्बादी बहुत करता था। वह अपनी साइकिल को घंटों तक धोता रहता था। वह नहाते समय अधिक पानी बर्बाद करता था। उसके माता पिता उसे कई बार समझा चुके थे कि पानी बहुत ही अमूल्य हैं। जिसे हमें बचाकर रखना चाहिए। लेकिन, रामू को अपने माता-पिता की बातों का कोई फर्क नहीं पड़ता था।

एक दिन रामू अपने दादा से कहानी सुनाने के लिए कहा। रामू को कहानी सुनाते हुए उसके दादा ने कहा कि हमारे लिए पानी कितना बहुमूल्य प्राकृतिक स्रोत हैं। हमारे माता-पिता पानी को नदियों और तालाबों में देखते थे। मैंने पानी को कुंए में देखा। तुम्हारे पिताजी ने पानी को हैंडपंप में देखा। और तुम पानी को पाइपों में आते हुए देख रहे हो। जरा सोचो तुम्हारे बच्चे पानी को कहाँ देखेंगे। इसलिए हमें पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए।

नैतिक सीख:

जल ही जीवन हैं, पानी का बचाव बहुत आवश्यक हैं।

8. प्रयास खुद करना पड़ेगा:

आपको एक बात शायद अच्छे से पता होगी कि शेर जानवरों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली और बलवान होता हैं। इसलिए उसे लोग जंगल का राजा मानते हैं। जरा सोचो “क्या शेर के पास हिरण अपने आप चला जाता हैं और वह कहता हैं मेरा शिकार कर लो”? ठीक इसीप्रकार मगरमच्छ पानी में सबसे शक्तिशाली जानवर होता हैं। क्या मछलियाँ अपने आप उसके पास चली जाती हैं और कहती हैं मुझे खा लो?

इन्हें भी पढ़ें: 10 Stories with Moral in Hindi: हिन्दी नैतिक कहानियां

नहीं, दोनों को अपने-अपने शिकार के लिए चलना पड़ता हैं। इसलिए, जीवन में अगर कोई मुकाम हासिल करना हैं तो आपको आगे आना पड़ेगा मेहनत करनी पड़ेगी और कुछ करके दिखाना पड़ेगा। तभी आपको मंजिल मिलेगी।

नैतिक सीख:

आप लाखों गुणों से भरे हो। लेकिन अपनी पहचान बनाने के लिए अपने आपको प्रदर्शित करना पड़ेगा।

9. जीवन का सार:

एक व्यक्ति जोकि बहुत गरीब था। वह हमेशा अपनी किस्मत को ही कोसता रहता था कि उसने गरीब परिवार में जन्म लिया। इसके लिए वह भगवान को दोषी ठहराता रहता था। वह अपने जीवन में कुछ भी करने की नहीं सोचता था। इस तरह से उसका जीवन दिनों-प्रतिदिन बदतर होता जा रहा था।

एक दिन वह किसी काम से बाजार गया हुआ था। उसे बाजार में एक ज्योतिषी दिखा जो लोगों के हाथ को देखकर उसके भाग्य के बारे में बता रहा था। उसने सोचा क्यों ना मैं भी अपने भाग्य के बारें में पूछ लूँ। वह ज्योतिषी के पास पहुँचा और अपना सारा दृष्टांत सुना दिया। ज्योतिष ने उससे पूछा कि जन्म-मृत्यु क्या आपके हाथ में हैं? नहीं, लेकिन इन दोनों के बीच की प्रगति आपके हाथ में हैं।

आप गरीब घर में पैदा हुए इसमें आपका दोष नहीं हैं अगर आप गरीब परिवार में मर गए तो इसमें आपका सबसे बड़ा दोष हैं। अब आपको निश्चय करना हैं कि अपने आपको कहाँ पर ले जाना हैं। इसलिए, अपने आपको कोसना बंद करके, कुछ कर दिखाने की जरूरत हैं। उसी दिन से वह व्यक्ति अपने जीवन की नई डगर पर निकल पड़ा।

नैतिक सीख:

अपनी परिस्थितियों को कोसने के अलावा अपनी मेहनत और लगान से परिस्थितियों को बदलने की कोशिश करनी चाहिए।

10. थॉमस अल्वा एडीसन की सफलता:

एक बच्चा जोकि स्कूल में अपने अध्यापकों से बहुत ही अजीब और उलटी-सीधी बातें करता था। जिसे देख उसके स्कूल के अध्यापक उसे एक पत्र देते हुए कहते है कि वह कल से स्कूल न आए। वह बच्चा पत्र लेकर अपनी माँ को देते हुए सारी बातों को बताता हैं। उसकी माँ अपने बेटे से कहती हैं कि इस पत्र में लिखा हैं कि आपका बच्चा बहुत बुद्धिमान हैं। उसके हिसाब से इस स्कूल में अध्यापक नहीं हैं। उसे किसी दूसरे स्कूल में दाखिल करवाओ। माँ पत्र को अपने बाक्स में रख देती हैं।

बच्चा अपने घर पर पढ़ाई करने लगता हैं। धीरे-धीरे जब वह बड़ा होता हैं तो एक दिन उसकी माँ का देहांत हो जाता हैं। वही बच्चा आगे चलकर एक बहुत बड़ा आविष्कारक “थॉमस अल्वा एडीसन” के नाम से जाना गया। जिसने बल्ब की खोज की।

एक दिन वह अपने घर की सफाई करवा रहा होता हैं तो उसे माँ के बाक्स में वही पत्र मिलता हैं। जिसमें लिखा होता हैं कि तुम्हारा बच्चा मंद बुद्धि हैं। इसलिए, उसे स्कूल से निकाला जा रहा हैं। कृपया बच्चे को किसी दिमाग के डाक्टर को दिखाओ।

नैतिक सीख:

सफलता मेहनत और लगन मांगती हैं।

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