डरावनी भूतिया कहानी लोग अक्सर इसलिए भी पढ़ते हैं कि अगर उस जगह पर वह खुद होता तो क्या करता। इसके अलावा लोग भूतिया कहानी में जानना चाहते हैं कि वह इंसान या फिर उसका परिवार प्रेतआत्मा से बचा या फिर मारा गया। जबकि, अगर कहानी वास्तविक तरीके से लिखी गई हैं तो वह बच्चे और बड़ों को अधिक डरा सकती हैं। आज की horror stories in hindi में कुछ इस प्रकार से लिखित हैं।
1. भूतिया स्कूल:

सुरेश बारहवीं कक्षा में पढ़ता था। उसकी दोस्ती सपना नाम की एक लड़की के साथ थी। दोनों एक दूसरे से बेपनाह प्यार करते थे। उसी कक्षा में धीरज नाम का एक लड़का भी पढ़ता था। वह भी सपना को चाहता था। मगर सपना उसे बिल्कुल नहीं चाहती थी। धीरज ने सपना को कई बार समझाया कि वह सुरेश से बात न किया करें। लेकिन सपना सुरेश से बात करनी नहीं छोड़ी।
एक दिन धीरज ने सपना को स्कूल के छत से धक्का दे दिया। जिसके कारण वह नीचे गिरकर मर गई। कुछ दिन बाद हर दिन किसी न किसी बच्चे की लाश स्कूल में मिलने लगी। स्कूल के प्रिंसिपल समझ नहीं पा रहे थे कि बच्चों की मौत कैसे हो रही हैं। एक दिन दोपहर की छुट्टी हुई थी। सभी अध्यापक बाहर चाय-नाश्ता करने गए थे। एक अध्यापक अपने कक्ष में छपकी मार रहे थे।
जब सभी अध्यापक वापस कक्ष में आए तो देखा कि उस अध्यापक का सिर धड़ से अलग हो चुका था। सभी अध्यापक बहुत डर गए। उन्होंने स्कूल आना छोड़ दिया। एक दिन प्रिंसिपल अपने कमरे में कुछ काम कर रहे थे। तभी उनके कमरे में एक क्लर्क आया। उसके आते ही उस कमरे का दरवाजा अपने आप बंद हो गया। क्लर्क ने प्रिंसिपल को एक फ़ाइल दिया।
जब प्रिंसिपल ने क्लर्क को देखा तो वह एक लड़की बन चुकी थी। उसके लंबे-लंबे नाखून बड़े-बड़े दाँत थे। उसकी आँखें खून से भरी थी। उसने प्रिंसिपल का गला दबाकर मार डाला। उस दिन से वह स्कूल बंद हो गया। अब उस स्कूल में कई प्रेत आत्मा रात में टहला करते थे। कई वर्षों बाद अचानक एक दिन रात बारह बजे सुरेश नींद से जगा और वह स्कूल की तरफ चल दिया।
उसने स्कूल में जाकर देखा तो वही लड़की जिसकी मृत्यु हो चुकी थी। वह सुरेश के लिए अपने दोनों बाहे फैलाए खड़ी थी। सुरेश अंदर गया तो वह लड़की सुरेश के गले से लग गई। उसने ने कहा, “आज भी तुम्हारा प्यार मेरे दिल जींदा हैं।” तुम्हें यहाँ तक बुलाने के लिए मैंने क्या नहीं किया। आज तुम खुद-ब-खुद मेरी तरफ खींचे चले आए।
अब तुम्हें हर रात बारह बजे मुझसे मिलने आना पड़ेगा। मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी। इस तरह सुरेश न चाहते हुए भी रात बारह बजे उस भूतिया स्कूल में जाने लगा। एक दिन उसके पीछे-पीछे उसकी पत्नी भी गई। उसने देखा कि सुरेश को किसी लड़की ने अपने वश में कर ली हैं। उसने अपने पूरे घर में यह बात सबको बता दी। अगली रात सुरेश के पीछे-पीछे उसके परिवार के लोग भी स्कूल में आ गए।
उसके घर वाले सुरेश को देख समझ गए की वह लड़की सुरेश से जबरदस्ती प्यार कर रही हैं। एक रात सुरेश ने कहा, “मेरी शादी हो चुकी हैं, मेरे बच्चे भी हैं।” मैं तुमसे नहीं मिल सकता, तुम मेरा पीछा छोड़ दो। सुरेश की बात सुनकर सपना अपना रूप बदलते हुए मोटी आवाज में बोली, तुम किसी और लड़की से कैसे शादी कर सकते हो। मैं तुमसे प्यार करती हूँ। आज मैं तुम्हें यहाँ से जींदा नहीं जाने दूँगी।
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उसने सुरेश के ऊपर हमला कर दिया। उसके परिवार वाले एक तांत्रिक को लेकर आ चुके थे। तांत्रिक को देख चुड़ैल उसके ऊपर भी हमला कर दी। तांत्रिक नीचे गिर पड़ा। वह दुबारा उठा उसने जल लेकर मंत्र पढ़ा और उसके ऊपर फेंक दिया। चुड़ैल के पूरे शरीर में भयानक आग पकड़ ली। वह वही जलकर राख हो गई। सुरेश और उसके परिवार वाले तांत्रिक के साथ स्कूल से वापस घर चले आए। कुछ दिन बाद वह स्कूल फिर से चलने लगा।
2. किरायेदार चुड़ैल:

श्यामलाल का एक बड़ा बांग्ला था। वह अक्सर अपने बंगले के कमरों को किराए पर दिया करता था। श्यामलाल बहुत सीधा-साधा इंसान था। एक दिन उसके पास अरुण नाम का एक व्यक्ति किराए पर रहने के लिए आया। अरुण अपने पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। एक दिन उसकी पत्नी स्कूल से बच्चे को लेने गई थी। बीच रास्ते में कब्रिस्तान पड़ता था। वहाँ पर अचानक उसे लगा की उसके ऊपर कोई आकर बैठ गया।
शाम को ऑफिस से जब अरुण वापस घर आया तो उसकी पत्नी ने पूरी कहानी बताई। अरुण ने कहा, “भला आज के जमाने में कहाँ भूत-प्रेत होते हैं।” तुम भी न मुझे और बच्चों को भी डराओगी। अरुण उसकी बात को मजाक में लेकर चला गया। एक दिन रात में अरुण की पत्नी उठकर उसी कब्रिस्तान में चली गई। काफी समय बाद वह रात में आई।
इस तरह वह प्रतिदिन कब्रिस्तान में जाने लगी। एक दिन उस घर का मालिक श्यामलाल उसे कब्रिस्तान में जाते हुए देख लिया। अगले दिन उसने अरुण को घर खाली करने के लिए कहा। अरुण को इस बात पर विश्वास नहीं था। उसी रात अरुण की पत्नी चुड़ैल का रूप धारण करके श्यामलाल के पास पहुँच गई। वह बेड पर सो रहा था। उसके कान में छन-छन की आवाज गई। वह एकाएक उठकर बैठ गया।
उसने अपने सामने देखा कि एक औरत जिसके पैर नहीं हैं। उसके बाल खुले हुए हैं। आँखें खून जैसी लाल-लाल थी। उसके हाथों के नाखून बड़े-बड़े थे। जैसे उसने चिल्लाना चाहा। उसने अपने नुकीले नाखून से उसका गला दबाकर मार डाला। इस तरह अब उस घर का कोई मालिक नहीं बचा।
एक रात बारह बजे अरुण अपनी पत्नी को कब्रिस्तान में जाते हुए देखा। वह बहुत डर गया। उसे समझ में आ गया कि मकान मालिक श्यामलाल की हत्या उसकी पत्नी की शैतानी आत्मा ने की हैं। अरुण अपनी पत्नी को लेकर एक अघोड़ी बाबा के पास गया। बाबा को देखते ही वह वहाँ से भागने लगी। लेकिन बाबा के सेवादार उसे पकड़कर यज्ञ के सामने बैठा दिया। बाबा उसके कुछ बाल काटकर जलती हुई आग में डाल दिया।
देखते-ही देखते वह जोर-जोर से नाचने और चिल्लाने लगी। अचानक एकाएक गिरकर बेहोश हो गई। अघोड़ी बाबा ने अरुण से कहा, “आपके पत्नी के ऊपर से शैतानी आत्मा जा चुकी हैं।” अब कभी भी आपके पत्नी के ऊपर शैतानी आत्मा नहीं आ सकती। अरुण अपनी पत्नी को लेकर वापस घर चला आया।
3. चुड़ैल बहू:

निर्मला अपने बेटे रोहित की शादी पूनम के साथ बहुत धूमधाम से कर दी। निर्मला एक निर्दयी औरत थी। उसे थोड़ी सी दया नहीं आती थी। बेटे की शादी में बहू पूनम को उसके माता-पिता ने ज्यादा गहने और दहेज नहीं दिए। जिसके लिए निर्मला अपने बहू-बेटे को हमेशा ताना मारती थी। निर्मला के पड़ोसन सरिता के लड़के की शादी में बहुत अधिक दहेज मिला। जिसे उसके घर में रखने की जगह नहीं बची थी।
उसे देख निर्मला संताप गई। उसने दहेज अधिक न मिलने के लिए अपनी बहू को घर से निकाल दिया। लेकिन, उसका बेटा रोहित निर्मला से प्यार करता था। इसलिए वह किसी तरह से उसे समझा-बुझा कर दुबारा घर ले आया। लेकिन अब निर्मला अपनी बहू की शक्ल नहीं देखना चाहती थी। एक दिन निर्मला अपनी बहू को मारकर घर के आँगन में दफ़ना दिया।
अमावस्या की रात निर्मला के पूरे घर में पायल की छन-छन और ही-ही…की आवाज आने लगी। निर्मला बहुत डर गई उसे समझ में आ गया कि हो सकता हैं उसकी बहू भूतनी बन गई हो। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। वह घर के सभी लोग को जगा दी। घर के सब लोग उसकी बातों को सुनकर परेशान हो गए।
अब निर्मला को हमेशा डर सताने लगा। उसके दिमाग में यही चलता रहता था कि कही उसकी बहू उसका बदला न ले। अगले दिन निर्मला बेड पर सो रही थी। अचानक वह बेड से नीचे गिर गई। उसने आँखें खोली तो देखी उसकी बहू उसके सामने खड़ी थी। वह चुड़ैल का रूप ले चुकी थी। उसकी आँखें खून की तरह लाल-लाल थी। उसके आधे पैर नहीं थे। हाथ में लंबे-लंबे नुकीले नाखून थे।
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पूनम ने निर्मला कहा, “तुमने मुझे दहेज के लिए मार डाला।” एक बार तुमने यह नहीं सोची अगर मैं तुम्हारी बेटी होती उसके साथ ऐसा होता तो तुम्हें कैसा लगता। इतना कहते हुए पूनम जोर-जोर से ही… ही करके हँसने लगी। उसकी सासू माँ दरवाजे से बहार भागने वाली थी कि अचानक कमरे का दरवाजा अपने आप बंद हो गया। पूनम ने पानी सासू माँ का गला घोंटकर मार डाली। उसने कहा, “इस तरह से दहेज के लिए बहू की हत्या करने वाली हर सास के साथ ऐसा ही होना चाहिए।
4. डायन राजकुमारी और वाचमैन:

रामकुमार एक छोटे से गाँव में रहता था। वह बहुत गरीब था। लेकिन वह बहुत होशियार निडर और बहादुर था। वह किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। लेकिन, उसकी कमाई से उसका परिवार नहीं चल पाता था। एक दिन उसने मन बनाया कि क्यों न किसी शहर जाकर पैसे कमाए। जिससे उसके परिवार का गुजारा अच्छे से चल सके। अगले दिन रामकुमार मुंबई शहर के लिए निकल गया।
मुंबई पहुंचकर उसने नौकरी खोजनी शुरू की। बड़ी मुश्किल से उसे गार्ड की नौकरी मिली। उसकी कंपनी ने उसे शहर के किनारे एक बंगले की रखवाली के लिए भेजा। वहाँ पहुंचकर रामकुमार ने देखा कि एक बहुत पुराना बांग्ला था। उस बंगले में कोई नहीं रहता था। रामकुमार को रात वही गुजारनी थी। रामकुमार कुर्सी लगाकर बैठा था।
रात बारह बजते ही उसी बंगले से अजीब-अजीब आवाज आना शुरू हो गई। आवाज सुनकर रामकुमार सहम गया। उसने बंगले की तरफ देखना बंद कर दिया। अचानक उसने अपने सामने देखा कि एक डायन खड़ी थी। रामकुमार ने बहादुरी से पूछा, “कौन हो तुम, क्या चाहती हो।”
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भूतनी ने कहा, “मैं राजकुमारी भावना सिंह हूँ।” मुझे राजकुमार विजय प्रातप सिंह इस महल में बंद करके वे दूसरी राजकुमारी के साथ चले गए। तुम्हारे लिए अच्छा होगा की तुम यहाँ से चले जाओ नहीं तो मैं तुम्हें मार दूँगी। मैं अभी तक दस गार्ड को मार चुकी हूँ। अगर तुम्हें अपनी जान प्यारी हो तो जल्द-से जल्द तुम यहाँ से चले जाओ।
रामकुमार उस भूतनी को अपना दुख-दर्द बताते हुए कहा, “अगर मेरी नौकरी छूट जाएगी तो मैं क्या करूंगा।” भूतनी को रामकुमार के ऊपर दया आ गई। उसने महल से सोने-चांदी से भरा एक बॉक्स लाकर उसे दे दिया। उसने कहा, “अब तुम यहाँ से चले जाओ और अपना परिवार संभालो वरना तुम मेरे ग्यारहवें शिकार बन जाओगे।
रामकुमार बॉक्स लेकर अपने घर चला गया। वह अब अपने बच्चों और परिवर के लोगों की अच्छे से देखभाल करने लगा। अब उसके पैसों को कमी दूर हो चुकी थी। उधर सिक्योरिटी कंपनी ने सोचा कि रामकुमार की भी मृत्यु हो गई।
5. खून की प्यासी नर्स:

किसी शहर में संजीवनी नाम का एक हॉस्पिटल था। उस हॉस्पिटल में रेनू नाम की एक नर्स काम करती थी। उसकी ड्यूटी अक्सर रात में लगती थी। एक रात एक औरत को तुरंत खून की आवश्यकता थी। डॉक्टर ने रेनू से खून लाने के लिए कहा। रेनू खून लेने ब्लड बैंक गई, वहीं उसका बॉयफ्रेंड राहुल मिल गया। रेनू उससे बातें करने लगी। बातों-बातों में वह खून पहुँचाना में देरी कर दी, जिससे उस औरत की मृत्यु हो गई।
कुछ दिन बाद वही औरत रेनू के ऊपर चुड़ैल बनकर उसके ऊपर सवार हो गई। अब रेनू मरीजों का खून पीना शुरू कर दी। वह नर्स खून की प्यासी बन चुकी थी। उसे लोगों का खून पीना पसंद था। रेनू रात में वार्ड से किसी भी व्यक्ति को एक कमरे में ले जाती और उसे मारकर उसके खून को पी जाती थी। एक रात वह किसी कमरे में मरीज का खून पी रही थी। अचानक किसी डॉक्टर ने उसे देख लिया।
रेनू उस डॉक्टर को मारने के लिए उसके पास तक आ गई। डॉक्टर ने एक ताबीज पहन रखी थी। रेनू चुड़ैल उस डॉक्टर के संपर्क में आते ही झटके खाकर नीचे गिर गई। रेनू ने डॉक्टर से कहा, “तुम मेरे रास्ते से हट जाओ नहीं तो मैं तेरा भी खून पी जाऊँगी।” लेकिन वह डॉक्टर बहुत निडर था। अक्सर उसकी ड्यूटी पोस्टमॉर्डम करने के लिए लगती थी। इसलिए वह बिल्कुल भयभीत नहीं हुआ।
वह रेनू के बाल पकड़कर हॉस्पिटल के बाहर ले गया। वह अपनी ताबीज निकालकर उसे तब तक दिखाता रहा, जब तक वह गिरकर बेहोश नहीं हो गई। इस तरह से रेनू के ऊपर सवार प्रेत-आत्मा उसे छोड़कर भाग गई। रेनू जब होश में आई तो वह डॉक्टर से पूछी, “सर मैं यहाँ क्या कर रही हूँ। मेरी ड्यूटी कहाँ पर लगी हैं। डॉक्टर मुस्कुराया और उसे कहा, अभी तुम घर जाओ।